Natwest Trophy 2002 मोहम्मद कैफ ने सौरव गांगुली की बोलती बंद की, भारत को लॉर्ड्स में बनाया चैंपियन

Natwest Trophy 2002:  आज से करीब 21 साल पहले उस फाइनल मैच मे इंग्लैंड (England) की टीम ने टीम इंडिया (Team India) के सामने 326 रनो का पहाड़ जैसा मुश्किल लक्ष्य रखा था, जिसे भारतीय टीम ने ऑल राउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) और मोहम्मद कैफ (Mohammed Kaif) की शानदार पारियों की बदौलत अंतिम ओवर में यह लक्ष्य हासिल किया था।  

Natwest Trophy 2002 मे भारत विजेता

Natwest Trophy 2002
Natwest Trophy 2002

भारतीय टीम के पूर्व कोच और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguli) और जुलाई माह का रिश्ता बहुत ही खास है। गांगुली का जुलाई की 8 तारीख को जन्मदिन होता है और यही वो महीना भी है, जब उन्हें अपनी कप्तानी कार्यकाल की सबसे बड़ी और यादगार जीत में से एक मिली थी। दिन 13 जुलाई 2002 को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर टीम इंडिया ने इंग्लैंड की टीम को नेटवेस्ट ट्रॉफी (Natwest Trophy 2002) के फाइनल में हराकर इस खिताब पर अपना कब्जा जमाया था। भारत (India) की इस ऐतिहासिक जीत के स्टार मोहम्मद कैफ रहे , जिन्होंने न केवल भारत को खिताब जिताया बल्कि अपने कप्तान गांगुली की भी बोलती बंद कर दी।

ठीक 21 साल पहले आज के ही दिन टीम इंडिया ने ये यादगार फाइनल जीता था, वो भी 326 रनों का बड़ा और उस समय के हिसाब से लगभग नामुमकिन सा दिखता हुआ लक्ष्य हासिल करते हुए। भारतीय टीम उस फाइनल से पहले कई अन्य फाइनल खो चुकी थी हर बार खिताब से चूकने की निराशा टीम को खाए जा रही थी।

Natwest Trophy 2002 मे फिर हाथ से फिसल रहा था खिताब

Natwest Trophy 2002 का यह फाइनल मैच भी इसी सूची में शामिल होता दिखाई देने लगा था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 325 रन का स्कोर बनाया।  इंग्लैंड के लिए ओपनर मार्कस ट्रेस्कोथिक ने 109 रन बनाए, जबकि कप्तान नासेर हुसैन ने भी 115 रन की कप्तानी पारी खेली, भारत की तरफ से जहीर खान ने 3 विकेट हासिल किये। इतना बड़ा स्कोर देखते हुए कप्तान गांगुली समेत टीम के सभी खिलाड़ियों को यह टेंशन हो गई थी कि टीम इंडिया एक और फाइनल न हार जाएं।

शुरुआत मे खुद कप्तान गांगुली और वीरेंद्र सहवाग ने केवल 15 ओवर में 100 से ज्यादा रनों की शानदार  साझेदारी करके टीम इंडिया की बल्लेबाजी की ठोस नीव डाली। फिर गांगुली और सहवाग के आउट होने के बाद  जल्द ही सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और दिनेश मोंगिया भी आउट होकर चलते बने। और इस तरह टीम इंडिया महज 146 रन के स्कोर पर 5 विकेट गिरा चुकी थी, फिर यहां से भारतीय टीम के दो बल्लेबाज मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह के रूप में दो युवा बल्लेबाजों ने मोर्चा संभाला और शानदार 121 रनों की साझेदारी करके टीम इंडिया को संकट से उबारा।

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Natwest Trophy 2002 मे गांगुली का इशारा, कैफ का जवाब करारा

Natwest Trophy 2002
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ये साझेदारी भारत को मैच में वापसी करने के लिए बहुत ही अहम साबित हुई और इसी पार्टनरशिप के बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसने गांगुली को भी चौंका दिया था। हुआ यह था कि कैफ जहां धीरे-धीरे साझेदारी को आगे बढ़ा रहे थे, वहीं युवराज बाउंड्री मे रन बटोर रहे थे, तभी ड्रेसिंग रूम से गांगुली ने एक उंगली दिखाते हुए कैफ को इशारा किया कि वो एक रन लेकर युवराज को स्ट्राइक पर लाएं ताकि युवराज बाउंड्री लगा सकें।

शायद कैफ ने अपने कप्तान के इस सुझाव को चुनौती के रूप में लिया और जैसे ही एक शॉर्ट गेंद आई, कैफ ने उसे पुल करते हुए छक्के के लिए भेज दिया। कैफ का ये अंदाज देखकर गांगुली भी शांत हो गए और फिर कुछ नहीं बोले खुद युवराज और कैफ ने कुछ समय पहले एक इंस्टाग्राम लाइव में पहली बार इस बात का खुलासा किया था।

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Natwest Trophy 2002 मे भारत को बनाया चैंपियन

Natwest Trophy 2002
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Natwest Trophy 2002 मे आखिरकार कैफ ही टीम इंडिया को जीत तक ले गए थे, भारतीय टीम का स्कोर जब 267 रन था, तो युवराज भी आउट होकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद हरभजन सिंह और अनिल कुंबले भी जल्दी ही आउट हो गए, लेकिन दूसरे छोर पर कैफ डटे रहे और कैफ ने जहीर खान के साथ मिलकर टीम को आखिरी ओवर में जीत दिलाई. कैफ 87 रन बनाकर नाबाद लौटे।

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