Mohammed Shami Father: पैसे की तंगी के कारण अपने क्रिकेटर बनने के अधूरे सपने को कैसे एक पिता ने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाकर पूरा किया?   

Mohammed Shami Father: भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के पिता तौसीफ अली   अमरोहा के सबसे तेज गेंदबाज हुआ करते थे। उनके यॉर्कर अक्सर बल्लेबाजों के डंडे बिखेर दिया करते थे। दुनिया भर के लोग उनसे कहते थे कि क्लब में जाकर प्रोफेशनल क्रिकेट की ट्रेनिंग लो। तुमसे बड़ा क्रिकेटर पूरे उत्तर प्रदेश (UP) में दूसरा कोई नहीं होगा। पर तौसीफ अली के पास पैसे नहीं थे। सलाह तो हर कोई दे देता था, मगर आर्थिक रूप से मदद करने के लिए कोई नहीं खड़ा होता था। और फिर समय के साथ मोहम्मद शमी के पिता ने इसी को अपना मुकद्दर मान लिया था।

Mohammed Shami Father: शमी के पिता आर्थिक मजबूरी की वजह से क्रिकेटर न बन सके

  

Mohammed Shami Father:
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इसके बाद अम्मी-अब्बू के बार बार कहने पर उन्होंने अपनी पारिवारिक जिंदगी शुरू कर दी। तौसीफ अली को 5 बेटे हुए और पांचों के अंदर शुरू से ही क्रिकेट बसा हुआ था। इन सब बेटों मे सबसे छोटा और नन्हा शमी सबसे तेज था। अब्बू की क्रिकेट की ट्रेनिंग में सबसे जल्दी मोहम्मद शमी नई-नई चीज सीखते थे।

धीरे- धीरे तौसीफ अली को  यह यकीन होता गया कि मेरा क्रिकेटर बनने का अधूरा ख्वाब मेरा यह बेटा मोहम्मद शमी ही पूरा करेगा। तौसीफ अली को यह तो अच्छी तरह से एहसास था कि वह बड़े क्रिकेटर क्यों नहीं बन सके थे?  इसीलिए वह अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए किसी भी हद से गुजर जाने के लिए तैयार थे।

Mohammed Shami Father: बेटे मे अपना अधूरा ख्वाब पूरा करने की कोशिश

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तौसीफ अली अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने जब मोहम्मद शमी की उम्र 15 साल थी, तब तक तौसीफ अली ही अपने बेटे को गेंदबाजी की ट्रेनिंग दिया करते थे। इसके लिए उन्होंने अपने खेत में ही विकेट भी तैयार किया था। जहां पर मोहम्मद शमी दिन-रात गेंदबाजी की प्रैक्टिस किया करते थे। फिर जब तौसीफ अली को यह लगने लगा कि अब बेटे को एक बढ़िया एकेडमी की जरूरत है। तो उन्होंने अपनी जमीन बेचकर मुरादाबाद (Muradabad) की एक एकेडमी में बेटे का दाखिला कराने की सोची।

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Mohammed Shami Father: शमी के कोच बदरुद्दीन

एकेडमी के कोच बदरुद्दीन ने शमी के पिता से कहा कि मैं पहले इस लड़के को गेंदबाजी करते हुए देखूंगा, उसके बाद ही मै कोई फैसला करूंगा। फिर मोहम्मद शमी ने अपनी गेंदबाजी शुरू की और बदरुद्दीन के एकेडमी के दिग्गज बल्लेबाज इनकी गेंदबाजी के आगे घुटने टेकते चले गए।

शमी की बेहतरीन गेंदबाजी देखने के बाद बदरुद्दीन ने तुरंत ही मोहम्मद शमी को अपना शागिर्द कुबूल कर लिया था। उसके बाद तो मोहम्मद शमी ने अपने  पिता के ख्वाब को पूरा करने के लिए अपनी जी – जान लगा दी। इसीलिए वह एक भी दिन नागा नहीं किया  करते थे। यहां तक कि ईद वाले दिन भी नमाज अदा करने के बाद मोहम्मद शमी गेंदबाजी करने के लिए पहुंच जाया करते थे।

Mohammed Shami Father: पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग की प्रैक्टिस

जब भी एकेडमी में कोई क्रिकेट मैच हुआ करता था, तो मैच खत्म होने के बाद मोहम्मद शमी अपने कोच से पुरानी गेंद मांग लिया करते थे। एक दिन ऐसे ही बदरुद्दीन ने शमी से पूछ लिया कि तुम इन पुरानी गेंदों का क्या  करते हो? मोहम्मद शमी ने जवाब में कहा- रिवर्स स्विंग की प्रैक्टिस किया करता हूं। और फिर उस दिन के बाद से ही बदरुद्दीन खुद मोहम्मद शमी को रिवर्स स्विंग का अभ्यास करवाते थे।

Mohammed Shami Father: शमी का यूपी अंडर-19 टीम मे सिलेक्शन नहीं हुआ

यूपी अंडर-19 टीम (UP Under-19 Team) के ट्रायल के लिए बदरुद्दीन मोहम्मद शमी को खुद अपने साथ लेकर गए। सिलेक्टर्स ने मोहम्मद शमी के साथ भी वही किया, जो उन्होंने भदोही के यशस्वी जायसवाल के साथ किया था। दोनों खिलाड़ियों से एक ही बात कही गई, अगले साल आना तब देखेंगे। बदरुद्दीन को लगा कि एक साल में मोहम्मद शमी बहुत आगे निकल सकते हैं। ऐसे में उन्हें यूपी क्रिकेट बोर्ड (UP Cricket Board) के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।

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Mohammed Shami Father: शमी पहुंचे कोलकाता

कोच बदरुद्दीन ने शमी के पिता से कहा, आप मोहम्मद शमी को कोलकाता  (Kolkata) भेज दीजिए। वहां क्लब क्रिकेट में अच्छा करेगा तो स्टेट की टीम में आराम से जगह बना लेगा। तौसीफ अली के पास कोई और चारा भी नहीं था। वह किसी भी सूरत (Surat) में बेटे मोहम्मद शमी को भारत (IND) के लिए खेलते हुए देखना चाहते थे। मोहम्मद शमी कोलकाता पहुंच तो गए, लेकिन ना ही उनके पास पेट भरने के लिए अन्न का दाना था और ना ही सर ढकने के लिए छत।

Mohammed Shami Father: बंगाल के असिस्टेंट सेक्रेट्री देवव्रत दास की नजर मे आए शमी

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Mohammed Shami Father: मोहम्मद शमी अपने पिता पर और खर्च का दबाव नहीं डालना चाहते थे। उन्होंने ठान लिया था, अब जो कुछ भी करना है अपने दम पर करना है। बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के असिस्टेंट सेक्रेट्री देवव्रत दास ने एक मैच में मोहम्मद शमी को गेंदबाजी करते हुए देखा। देवव्रत दास को समझ आ गया कि यह लड़का क्रिकेट की दुनिया में छा जाएगा।

Mohammed Shami Father: शमी की आर्थिक हालत खस्ता

देवव्रत ने मोहम्मद शमी से पूछा कि तुम रहते कहां हो? मोहम्मद शमी कुछ बोल नहीं पाए। तेज भूख भी लगी थी। गुजारा बड़ी मुश्किल से चल रहा था। कभी रेलवे स्टेशन तो कभी बस स्टैंड। देवव्रत दास ने उसी वक्त मोहम्मद शमी को अपने घर पर रहने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बंगाल के एक चयनकर्ता बनर्जी से कहा कि आप एक बार मोहम्मद शमी की गेंदबाजी देखिए।

Mohammed Shami Father: बंगाल के चयनकर्ता बनर्जी शमी से बहुत प्रभावित हुए

बनर्जी के सामने मोहम्मद शमी ने गेंदबाजी शुरू की। बड़े-बड़े बल्लेबाज हिल नहीं पा रहे थे। मोहम्मद शमी अपनी गेंदबाजी से सिर्फ विकेट उखाड़ रहे थे। शुरू से ही शमी को बल्लेबाजों को बोल्ड करने के बाद जो आवाज आती है, वह सुनना काफी पसंद है। बनर्जी ने मोहम्मद शमी से कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में बहुत से खिलाड़ी देखे। अधिकतर खिलाड़ी रूपए-पैसे चाहते हैं। नाम, इज्जत और शोहरत चाहते हैं। लेकिन तुम सच्चे खिलाड़ी हो। तुम्हें सिर्फ बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाना है, इसके सिवा तुम्हारी कोई मंजिल नहीं है।

Mohammed Shami Father: शमी की मोहन बागान क्रिकेट क्लब मे एंट्री

इसके बाद बनर्जी के खने पर मोहम्मद शमी ने मोहन बागान क्रिकेट क्लब जॉइन किया। वहां मोहम्मद शमी ने सौरव गांगुली के सामने गेंदबाजी की। दादा खुश हो गए। सौरभ गांगुली वही हैं, जिन्होंने वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों का करियर बनाया।

आज हम आपको नई बात बताने जा रहे हैं। सौरव गांगुली के कहने पर मोहम्मद शमी को 2010-11 के बंगाल की रणजी टीम में शामिल किया गया था। 2 साल के भीतर 6 जनवरी, 2013 को मोहम्मद शमी ने इंडियन टीम की जर्सी पहन ली। इसके बाद मोहम्मद शमी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

Mohammed Shami Father: शमी की जिंदगी मे भूचाल

6 जून, 2014 को निकाह के बाद 2015 में मोहम्मद शमी को एक प्यारी सी बेटी हुई। उनकी जिंदगी में सब सही चल रहा था, तभी साल 2018 में बीवी हसीन जहां ने मोहम्मद शमी पर बहुत से घिनौने आरोप लगाए। दहेज उत्पीड़न, मारपीट, दूसरी औरतों के साथ नाजायज संबंध और पाकिस्तानी नागरिक से पैसे लेना।

मोहम्मद शमी को भारतीय टीम के कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर कर दिया गया। इस वक्त भी सौरव गांगुली मोहम्मद शमी के साथ चट्टान की तरह खड़े हो गए। दादा ने कहा जब तक आरोप साबित नहीं होंगे, मैं बंगाल की रणजी टीम से मोहम्मद शमी को नहीं निकालूंगा।

Mohammed Shami Father: शमी का सौरव गांगुली ने दिया साथ

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Mohammed Shami Father: पूरी मीडिया मोहम्मद शमी के खिलाफ थी, लेकिन सौरव गांगुली मोहम्मद शमी के साथ थे। आखिरकार BCCI की एंटी करप्शन यूनिट ने मोहम्मद शमी को निर्दोष पाया और फिर उनका सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दोबारा बहाल कर दिया गया। इस वर्ल्ड कप 4 मैच में मोहम्मद शमी भारत के लिए सर्वाधिक 16 विकेट हासिल कर चुके हैं। मोहम्मद शमी अपनी बेटी से मिलने के लिए तरसते हैं, लेकिन हसीन जहां की वजह से उन्हें काफी मुश्किल झेलनी पड़ती है। फिर भी मोहम्मद शमी देश के लिए जान लगा रहे हैं।

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