India Blind World Cup : Best इंडिया ब्लाइन्ड टीम ने जीता दिल और वर्ल्ड कप पर तीसरी बार लगातार कब्जा किया

India Blind World Cup मे भारत ने फाइनल मैच में बांग्लादेश को जीत के लिए 278 रनों का  लक्ष्य दिया था जिसके जवाब में बांग्लादेशी टीम सिर्फ 157 रन ही बना सकी। भारत (India) की पुरुष और महिला क्रिकेट टीमें विश्व कप जीतने में कामयाब नहीं हो पाई हैं, लेकिन भारत की पुरुष नेत्रहीन टीम ने एक बार फिर से विश्व क्रिकेट में अपनी जीत को बरकरार रखा है। भारत में खेले जा रहे तीसरे नेत्रहीन टी20 विश्व कप में  इंडिया (India) ने फाइनल मे बांग्लादेश (Bangladesh) को 120 रनों के बड़े अंतर से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। इस तरह भारत(India) ने इस टूर्नामेंट के इतिहास में अपनी खिताबी हैट्रिक भी जमा दी।

भारत (India) ने ही अभी तक विश्व कप के तीनों खिताब जीते हैं, बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम (M Chinnaswami Stadium) में शनिवार 17 दिसंबर को खेले गए इस मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी में धमाल मचा कर महज 2 विकेट के नुकसान पर 277 रनों का एक विशाल स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में बांग्लादेश की टीम 20 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर 157 रन ही बना पाई। 

India Blind World Cup मे 6 टीमों में नंबर 1 टीम इंडिया

6 देशों के बीच 5 दिसंबर से शुरू हुए इस टूर्नामेंट में भारतीय(Indian) टीम का शुरू से ही दबदबा रहा। टीम इंडिया ने लीग राउंड के मुकाबलों में पहला स्थान हासिल करके अपनी सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। सेमीफाइनल में भारत(India) ने साउथ अफ्रीका को 207 रनों के विशाल अंतर से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। वहीं बांग्लादेश ने दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका को हरा कर फाइनल मे अपनी जगह बनाई थी। (आप पढ़ रहे हैं – India Blind World Cup winner team)

India Blind World Cup मे खिताबी हैट्रिक पूरी

भारत(India) ने इस विश्व कप के तीनों संस्करणों में खिताब अपने नाम किया है, सबसे पहले साल  2012 में टूर्नामेंट को पहली बार आयोजित किया गया था और उसमें भारत ने खिताब जीता था। फिर साल 2017 में हुए दूसरे टूर्नामेंट में भी बेंगलुरू में खेले गए फाइनल में टीम इंडिया ही चैंपियन बनी थी।  तब भारत ने पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था,अब 2022 में भारत ने इस टूर्नामेंट में बांग्लादेश को हराकर अपनी हैट्रिक भी पूरी कर ली।

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India Blind World Cup 2017

भारत(India) ने 12 फरवरी को बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम (M Chinnaswami Stadium) में खेले गए ब्लाइंड टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के दूसरे संस्करण के फाइनल मैच में पाकिस्तान को 9 विकेट से हराकर लगातार दूसरी बार खिताब अपने नाम कर लिया।

पांच साल पहले भी भारत की दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम ने बेंगलुरू में ही इस ट्राफी पर अपना कब्जा जमाया था। पाकिस्तान द्वारा दिए गए 198 रनों के विशाल लक्ष्य को भारत ने 14 गेंद शेष रहते मात्र एक विकेट गवांकर हासिल कर लिया। भारत की ओर से प्रकाश जयरमैया ने नाबाद 99 रनों की पारी खेली।

दुबई : भारतीय खिलाड़ियों ने ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप (Blind cricket cup)  की ट्राफी को अपने नाम किया है। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय टीम ने पाकिस्तान को एक रोमांचक मुकाबले में 2 विकेट से हराकर विश्वकप का खिताब पर कब्जा  जमाया है।

भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट (Indian Blind Cricket) की टीम ने लगातार दूसरी बार इस वर्ल्ड कप को जीता है। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट के नुकसान पर 307  रन बनाए थे, भारतीय टीम ने 38.4 ओवरों में ही दो विकेट के नुकसान पर 308 रन बनाकर अपनी  जीत दर्ज कर ली।

इस जीत के बाद ही सोशल मीडिया पर इंडिया की ब्लाइन्ड टीम को शाबाशी देने का दोर शुरू हो गया था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऑल इंडिया रेडियो तक कई देश के दिग्गजों ने अपनी और से पूरी टीम को बधाई दी है।

विकेट,बाउंड्री और क्रिकेट किट: दरअसल, ब्लाइंड क्रिकेट में पिच की लंबाई, स्टंप और बैट की लेंथ वही होती है जो सामान्य क्रिकेट में होती है। पिच के सेंटर से बाउंड्री लाइन की दूरी 45 से 50 गज होती है।

गेंद: दृष्टिबाधित क्रिकेट में जिस गेंद का प्रयोग होता है वो प्लास्टिक से बनी होती है और उसके अंदर बॉल बियरिंग लगे होते हैं,​ जिनसे आवाज निकलती है। आवाज सुनकर बल्लेबाज यह अंदाज लगा लेता है कि गेंद ने कहाँ पर टप्पा लिया है और किस तरफ को गेंद घूम कर जा रही है।  

खिलाड़ियों की संख्या: दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम में भी सामान्य क्रिकेट टीम की तरह 11 खिलाड़ी खेलते हैं। लेकिन, दृष्टिबाधित क्रिकेट में प्लेयर्स को तीन कैटेगरी में बांटा गया होता है। बी1 कैटेगरी में अधिकतम चार ऐसे खिलाड़ी होते हैं

जो पूरी तरह से देख पाने में अक्षम होते हैं। बी2 कैटेगरी में 3 प्लेयर्स होते हैं जो आंशिक रूप से दृष्टिबाधित होते हैं। वहीं बी3 कैटेगरी में ऐसे 4 खिलाड़ी शामिल होते हैं जिनकी देखने की क्षमता आंशिक रूप से दृष्टिबाधित प्लेयर्स से और बेहतर होती है

गेंदबाजी: दृष्टिबाधित क्रिकेट में गेंदबाजी अंडर आर्म की जाती है। इन मैच मे यार्कर और फुलटास गेंद डालने की सख्त मनाही होती है। ​विकेट पर एक लाइन बनी होती है और गेंदबाज उस लाइन के आगे गेंद को टप्पा न​हीं खिला सकता।

यदि ऐसा होता है तो गेंद को नो बॉल करार दिया जाता है। पारी का 40 प्रतिशत ओवर बी1 कैटेगरी के खिलाड़ियों यानी पूर्ण रूप से दृष्टिबाधित खिलाड़ियों द्वारा फेंका जाना अनिवार्य होता ​है।

बल्लेबाजी: पूर्ण रूप से दृष्टिबाधित प्लेयर्स द्वारा बनाए गए रन को दोगुना कर दिया जाता है। यानी यदि वह 1 रन बनाता है तो उसे दो रन लिखा जाता है। इसके अलावा दृष्टिबाधित क्रिकेट में भी सामान्य क्रिकेट की तरह ही स्कोरिंग ​नियम लागू होते हैं।

नो बॉल होने पर बल्लेबाज को फ्री हिट भी ​दिया जाता है। इस क्रिकेट मे भी आउट होने के नियम वही होते हैं जो की हर सामान्य क्रिकेट में होते हैं।

क्षेत्ररक्षण:  इस क्रिकेट की फील्डिंग में यदि पूर्ण रूप से नेत्रहीन खिलाड़ी  बल्लेबाज के शॉर्ट मारने के बाद एक टप्पे के बाद गेंद को पकड़ लेता है तो इसे कैच आउट माना जाता है।

.टीम इंडिया भले ही ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई हो। यह टीम भले ही साल 2021 में यूएई में हुए टी20 वर्ल्ड कप में लीग स्टेज में ही बाहर हो गई हो। भारत में एक दूसरी क्रिकेट टीम भी है जो बीच रास्ते में हार नहीं मानती।

यह टीम जीत की हैट्रिक लगाकर लगातार तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बन गई है। इसने लगातार तीसरी बार टी20 वर्ल्ड कप जीतकर विश्व विजेता की ट्रॉफी को अपने नाम किया है। इस भारतीय टीम ने शनिवार को खिताबी जंग में बाजी मारकर एक बार फिर से देश का नाम वर्ल्ड चैंपियन की ट्रॉफी पर लिखवा दिया।

India (इंडिया) के पास दुनिया की बेस्ट ब्लाइंड क्रिकेट टीम है जिसने टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में बांग्लादेश टीम को हराकर इतिहास रच दिया। खास बात यह रही कि ब्लाइंड टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास में भारतीय टीम ने अब तक दुनिया की किसी भी दूसरी टीम को ट्रॉफी उठाने का मौका नहीं दिया है। भारत ने तीसरे टी 20 वर्ल्ड कप की मेजबानी की और लगातार तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।

India Blind World Cup मे भारत की जीत  

India Blind World Cup के फाइनल मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते 2 विकेट के नुकसान पर 277 रन का स्कोर खड़ा किया। भारत के लिए उनके भरोसेमंद खिलाड़ी रमेश ने सबसे अधिक नाबाद 163 रन की पारी खेली, उनके साथ ही साथ दूसरे खिलाड़ी अजय ने भी 100 रन का स्कोर अपनी टीम के लिए बनाया वह भी आखिर तक आउट नहीं हुए।

इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करने की बांग्लादेश की टीम ने कोशिश तो खूब की। पर वह रन गति को बनाए रखने में सफल नहीं हो सकी। बांग्लादेश की ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने पूरे 20 ओवर मे 3  विकेट के नुकसान पर 157 रन बनाए।

भारतीय टीम ने फाइनल मैच को 120 रन के बड़े अंतर से जीत को अपने नाम किया।यहाँ पर हम आपको यह बता दें कि इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान की टीम आ नहीं पाई थी। पाकिस्तान टीम को वीजा से जुड़ी दिक्कतों के कारण पड़ोसी मुल्क की ब्लाइंड टीम टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने से चूक गई जिसके चलते शुरुआत में विवाद भी हुआ था।

Conclusion

इंडिया मे क्रिकेट को कितना प्यार दिया जाता है उसकी एक मिसाल इंडियन ब्लाइन्ड टी 20 वर्ल्ड कप मे देखने को मिली है भारत ने लगातार तीसरी बार इस वर्ल्ड कप को अपनी नाम किया है। इस वर्ल्ड कप की टीम मे बहुत से लोगों के पास रोजगार भी नहीं है

फिर भी क्रिकेट की दीवानगी इनको क्रिकेट से दूर नहीं होने देती है। क्रिकेट के प्रति इतना समर्पण इन नेत्रहीन खिलाड़ियों का देखते ही बनता है इसी लगन की भावना के करण ही यह टीम लगातार तीसरी बार यह ट्राफी को जीती है।

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