Poonam Yadav, Biography in Hindi, Domestic Career, WPL,  Husband, Net Worth,  जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता है, स्वयं को बनाना पड़ता है BEST महिला क्रिकेटर पूनम यादव

Poonam Yadav एक भारतीय क्रिकेटर है जो भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए खेलती है। इनका जन्म 24 अगस्त 1991 को आगरा, उत्तर प्रदेश मे हुआ। इन्होंने 5 अप्रैल 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ महिला ट्वेंटी -20 इंटरनेशनल (डब्ल्यूटी20आई) मैच से अंतरराष्ट्रीय डैब्यू किया। वह घरेलू क्रिकेट में मध्य क्षेत्र, उत्तर प्रदेश और रेलवे के लिए खेलती हैं।

पूनम यादव राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम के लिए लेग स्पिन गेंदबाज के रूप में खेलती हैं। यादव ने 16 नवंबर 2014 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और 12 अप्रैल 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया। इनकी आयु अभी करीब 33 वर्ष की है इनकी बल्लेबाजी शैली दाहिने हाथ के बल्लेबाज की है और इनकी गेंदबाजी शैली लेगब्रेक गुगली गेंदबाज की है। टीम मे इनकी भूमिका गेंदबाज की है।

आगरा की पूनम यादव आज युवाओं के लिए एक रोड मॉडल बन चुकी हैं. सामान्य परिवार में पली-बढ़ी इस बेटी के जुनून ने वह कर दिखाया, जिससे उसके परिवार सहित ताजनगरी आगरा का भी नाम रोशन हो रहा है।

किसी ने क्या खूब कहा है कि, जमीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है, परों को खोल जमाना उड़ान देखता है. इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है, आगरा की रहने वाली बेटी पूनम यादव ने, जो कि आज युवाओं के लिए एक रोड मॉडल बन चुकी हैं। सामान्य परिवार में पली-बढ़ी इस बेटी के जुनून ने वह कर दिखाया, जिससे उसके परिवार सहित ताजनगरी आगरा का भी नाम रोशन हो रहा है। युवाओं को प्रेरणा देती अर्जुन अवॉर्डी और महिला भारतीय क्रिकेट टीम की बेहतरीन बल्लेबाज पूनम यादव…

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Poonam Yadav ने 11 साल की उम्र में ही किक्रेट को चुन लिया

ताजनगरी के ईदगाह स्थित रेलवे कॉलोनी की रहने वाली Poonam Yadav का जन्म अगस्त 1991 को हुआ था. उन्होंने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की और आज पूनम युवाओं के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं। पूनम के घर वाले बताते है कि महज सात या आठ साल की उम्र से ही पूनम लड़कों की तरह हर काम करना चाहती थी. ऐसे में पूनम ने करीब 11 साल की उम्र में बैट और बॉल हाथ में थाम ली और क्रिकेट में पूरी तरह से खो गई।

Poonam Yadav ने हेमलता काला को बनाया रोल मॉडल

पूनम यादव ने अपनी रोल मॉडल भारतीय महिला क्रिकेट टीम की प्रसिद्ध बल्लेबाज हेमलता काला को बनाया. उन्होंने हेमलता के खेल को देखकर खुद भी उसी तरह से करने की कोशिश की। दिन रात मेहनत की और इसी मेहनत की वजह से आज पूनम भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेजतर्रार लेग स्पिनर बॉलर हैं, और उनकी बॉलिंग की वजह से ही भारतीय महिला टीम अब तक कई मैच में बेहतरीन जीत हासिल कर चुकी है।

Poonam Yadav के नाम है सबसे ज्यादा 98 विकेट लेने का रिकॉर्ड

Poonam Yadav के पिता रघुवीर यादव ने बताया कि, 2013 से 2022 तक पूनम भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य थी। इस दौरान उसने कई सारे रिकॉर्ड बनाए और उसके नाम में पहली महिला बॉलर के तौर पर सबसे ज्यादा 98 विकेट लेने का रिकॉर्ड है। उन्होंने बताया कि पूनम चार भाई बहनों में तीसरे नंबर की है और शुरू से ही वह कुछ बड़ा करने की चाह में रहती थी।

Poonam Yadav अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हैं

भारत सरकार ने 2019 में पूनम यादव को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था. इस समय पूनम रेलवे की तरफ से सिकंदराबाद में क्रिकेट सीरीज खेल रही हैं। पूनम यादव अब युवाओं के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं. तमाम युवक और युवती उन्हें अपना रोल मॉडल बनाकर क्रिकेट की दुनिया में जाने की तैयारी भी कर रहे हैं।

स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रवर्तित उत्प्रेरक मंत्र (उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक कि लक्ष्य प्राप्त न हो जाए) को पूनम ने अपने जीवन में उतारा और बताया कि जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता है, स्वयं को बनाना पड़ता है.

Poonam Yada के साथ मां खड़ी हुई; बेटी ने वर्ल्ड कप फाइनल खेला

Poonam Yadav
Poonam Yadav

बेटी जब छोटे बालों में स्टेडियम जाती थी, दिन भर खेलत थी, तब रिश्तेदार और नातेदारन ने खूब ताना मारो, यहां तक सास-ससुर ने भी खूब तंज कसो। कहते थे कि क्या लड़की को खेलने भेजती हो, ये भी कोई खेल है क्या…ये सब सुन मैं कभी-कभी अकेले में खूब रोती थी, लेकिन कभी किसी से बताती नहीं थी। इन सबके बावजूद मैंने पूनम पर भरोसा किया और आज वह दूसरी बार महिला क्रिकेट वर्ल्डकप खेल रही है।

मुझे उस पर गर्व है।’’ यह कहना है टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची इंडिया टीम की खिलाड़ी पूनम यादव की मां मुन्नीदेवी का। वह हंसते हुए बताती हैं- ‘‘मैं 8वीं तक पढ़ी हूं। पति आर्मी में थे तो लगभग बाहर ही रहते थे।

मैंने बच्चों को कभी उनके सपनों को पूरा करने से नहीं रोका। पहले जो लोग ताने मारते थे, वे आज कहते हैं कि हमारी बिटिया को भी पूनम की देखरेख में छोड़ दो।’’ आगरा में ईदगाह स्टेशन से तकरीबन एक किमी दूर पूनम यादव को रेलवे की तरफ से घर मिला हुआ है।

दोपहर एक बजे हम वहां पहुंचे। पिता रघुबीर यादव बागवानी करते मिले। बातचीत के दौरान रघुबीर के पास लगातार फोन आते रहे। कोई अग्रिम शुभकामनाएं दे रहा था तो कोई जीत के बाद आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाने की गुजारिश कर रहा था।

Poonam Yadav की मां बताती हैं, ‘‘दूसरों को क्या कहूं भाई साहब, जब इन्हें (पूनम के पिता) ही अपनी बेटी पर विश्वास न था। जब उसे 2011 में खेलते हुए रेलवे की नौकरी मिली तो इन्हें विश्वास हुआ कि खेलन से भी कुछ होए है।’’ बीच में बात काट रघुबीर बताते हैं- ‘‘मैं आर्मी में एजुकेशन सेक्टर में था। हमारे खानदान में कोई खिलाड़ी न बना, इसलिए चिंता रहती थी।’’

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Poonam Yadav के पिता ने बताया

रघुबीर बताते हैं कि पूनम हमेशा लड़कों की तरह रहती थी। भाई की हमेशा नकल करती थी। लड़कों के साथ खेलना, लड़कों के साथ ही उठना बैठना भी था। वह सोचती थी कि जब लड़के कोई काम कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते। 10 साल की उम्र में पूनम ने स्टेडियम जाना शुरू किया।

पहले पूनम को बास्केटबॉल में रुचि थी, लेकिन हाइट कम होने की वजह से उसने क्रिकेट खेलना शुरू किया। लोगों के तानों से तंग आकर मैंने स्टेडियम जाने से मना किया तो उस वक्त इंडियन टीम में आगरा से खेल रही हेमलता काला को वह घर ले आई।

उन्होंने समझाया तो हमने उसे फिर स्टेडियम भेजना शुरू किया। मुन्नी देवी कहती हैं- ‘‘उसे तो जैसे लड़कियों की तरह रहना ही नहीं आता था। सजती-संवरती नहीं थी। शादी ब्याह में जाने का भी कोई शौक नहीं था। उसकी बड़ी बहन उसे समझाती थी, लेकिन उसे खेल का जुनून सवार था। पूनम को खेलने की वजह से नॉनवेज भी खाना पड़े है। पूरे घर में मैं नहीं खाती, लेकिन उसके लिए अंडा उबाल कर दे देती हूं।’’

मुन्नी देवी यह भी बताती हैं- ‘‘जब Poonam Yadav हमारे पास रहती है तो बहुत समय नहीं रहता उसके पास, लोगों का मिलना जुलना, ऑफिस जाना और फिर प्रैक्टिस रहती है। अब बस उसमें एक बदलाव आया है कि वह अपनी जिम्मेदारी समझने लगी है। परिवार में किसी को क्या दिक्कत है या किसी को क्या जरूरत है, सबका ध्यान रखती है। 2017 में जब वर्ल्डकप खेल कर लौटी तब इतने लोग स्वागत में उमड़े कि उसे घर पहुंचने में शाम हो गई।

मैं सुबह से उसे देखना-मिलना चाहती थी, लेकिन सीधे शाम को ही मुलाकात हो पाई।’’ मां कहती हैं- ‘‘पूनम ने अपनी कमाई से गाड़ी खरीदी है और एक घर भी लिया है, लेकिन बहुत बड़ा न होने की वजह से वहां नहीं रहती। हर बच्चे की तरह वह सब बातें मुझे बताती है। मैं उसका चेहरा देखकर ही बताती थी कि उसे कोई दिक्कत है। मुझे बहुत जानकारी नहीं थी क्रिकेट की, लेकिन वह बताती थी। आज बॉलिंग नहीं ठीक कर पाई, आज कोच ने डांटा…, इस तरह की बातें बताती रहती थी।’’

Poonam Yadav टीमें

ब्रिस्बेन हीट महिला

दिल्ली कैपिटल्स महिला

सुपरनोवास

ट्रेल ब्लेज़र्स

Poonam Yadav के बॉलिंग करियर आँकड़े

प्रारूपमैचपारी       गेंद  रनविकेट      बेस्टऔसतइकोनोमीस्ट्राइक4 विकेट
टेस्ट  122466832/2222.661.6582.00
वन डे585830362012804/1325.153.9737.94
टी20727215601495984/915.255.7515.93

Poonam Yadav के बैटिंग करियर आँकड़े

प्रारूपमैचपारीनॉटरनबेस्टऔसतगेंदस्ट्राइकशतक
टेस्ट1
वन डे5821995157.9122841.660
टी20  721161442.802360.860

Poonam Yadav डब्ल्यूपीएल बॉलिंग आँकड़े

टीममैचपारीगेंदरनविकेटबेस्टऔसतइकोनोमीस्ट्राइक
डीसी32182508.33

Poonam Yadav महिला बिग बैश लीग बॉलिंग आँकड़े

टीममैचपारीगेंदरनविकेटबेस्टऔसतइकोनोमी स्ट्राइक
बीएच1313254281103/1728.106.6325.4

Poonam Yadav के हालिया मैच

सीजेड महिला बनाम डब्ल्यूजेड महिला 21* 7/116 28-मार्च-2024 महत्वाकांक्षी अन्य

डीसी महिला बनाम यूपीडब्ल्यू महिला — — 21-मार्च-2023 ब्रैबोर्न WT20

डीसी महिला बनाम एमआई महिला — 0/18 20-मार्च-2023 डीवाई पाटिल WT20

डीसी महिला बनाम जीजी महिला 0 0/7 16-मार्च-2023 ब्रैबोर्न WT20

IND-A महिला बनाम भारत D — 1/25 26-नवंबर-2022 रायपुर अन्य20

Poonam Yadav का डेब्यू/आखिरी मैच

टेस्ट मैच

आईएनडी महिला बनाम दक्षिण अफ्रीका महिला, मैसूर – 16 – 19 नवंबर, 2014

महिला वनडे मैच

पदार्पण IND महिला बनाम BAN महिला, अहमदाबाद – 12 अप्रैल, 2013

अंतिम हैमिल्टन में IND महिला बनाम BAN महिला – 22 मार्च, 2022

टी20ई मैच

पदार्पण वड़ोदरा में IND महिला बनाम BAN महिला – 05 अप्रैल, 2013

अंतिम न्यूजीलैंड महिला बनाम भारत महिला, क्वीन्सटाउन – 09 फरवरी, 2022

Poonam Yadav एक भारतीय क्रिकेटर हैं जो राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम के लिए लेग-स्पिन गेंदबाज के रूप में खेलती हैं। उन्होंने 5 अप्रैल 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ महिला ट्वेंटी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया।

जन्म: 24 अगस्त 1991 (उम्र 33 वर्ष), मैनपुरी

वर्तमान टीमें: दिल्ली कैपिटल्स (क्रिकेट गेंदबाज), उत्तर प्रदेश महिला क्रिकेट टीम (क्रिकेट गेंदबाज)

गेंदबाजी: दाएं हाथ से लेग स्पिन

माता-पिता: रघुवीर सिंह यादव, मुन्ना देवी

2014/15-वर्तमान: रेलवे

आखिरी वनडे: 22 मार्च 2022 बनाम बांग्लादेश

आखिरी टी20I: 9 फरवरी 2022 बनाम न्यूजीलैंड

Poonam Yadav का प्रारंभिक जीवन

Poonam Yadav का जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी रघुवीर यादव और एक गृहिणी मुन्ना देवी के घर हुआ था। अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए यादव को मैनपुरी से आगरा जाना पड़ा। वहाँ उन्होंने एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रशिक्षण लिया। तीन साल बाद, यादव ने लगभग क्रिकेट छोड़ दिया, लेकिन उनके पिता ने उन्हें आगे जारी रखने के लिए प्रेरित किया।

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Poonam Yadav का अंतर्राष्ट्रीय कैरियर

यादव 2017 महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थीं, जहां टीम इंग्लैंड से नौ रन से हार गई थी। जून 2018 में, वह महिलाओं की टी20 आई रैंकिंग में शीर्ष पांच में शामिल हुईं और सूची में तीसरे स्थान पर आईं। उन्हें वेस्टइंडीज में 2018 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी 20 टूर्नामेंट के लिए भारत की टीम में नामित किया गया था।  

उन्हें ऑस्ट्रेलिया में 2020 आईसीसी महिला टी 20 विश्व कप के लिए भारत की टीम में नामित किया गया था।  भारत फाइनल में पहुंच गया, लेकिन मेजबान टीम से हार गया, जिसमें Poonam Yadav ने 1-30 (उनका एकमात्र विकेट राचेल हेन्स का था) लिया और ऑस्ट्रेलिया की जीत की पुष्टि करने के लिए आखिरी आउट होने से पहले 1 रन बनाया।  उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन अंतिम चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती गेम में आया , जहां उन्होंने 4-0-19-4 के आंकड़ों के साथ कहर बरपाया।

वह टूर्नामेंट में भारत के लिए संयुक्त रूप से अग्रणी विकेट लेने वाली गेंदबाज थीं, जिन्होंने पांच मैचों में आठ विकेट लिए थे। वह सितंबर 2018 में 39 टी 20 आई में 57 विकेट लेकर ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय में भारत की सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनीं। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ पहले टी20आई में झूलन गोस्वामी के 56 रन के स्कोर को पीछे छोड़ दिया। वह एकमात्र फ्रंटलाइन गेंदबाज भी हैं जो 2018 में भारत के लिए हर टी20 मैच में शामिल रही हैं।

मई 2021 में, उन्हें इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ एकमात्र मैच के लिए भारत की टेस्ट टीम में नामित किया गया था। उन्हें न्यूजीलैंड में 2022 महिला क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की टीम में नामित किया गया था।

Poonam Yadav का टी20 लीग

पूनम ने साल 2019 और साल 2022 में महिला टी20 चैलेंज में सुपरनोवाज के लिए खेला। वह 2021-22 महिला बिग बैश लीग में ब्रिस्बेन हीट के लिए खेली।

Poonam Yadav अर्जुन अवार्डी क्रिकेटर की जमीन पर फिर कब्जे का प्रयास

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में रहने वाली अर्जुन अवार्डी अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटर Poonam Yadav की जमीन पर एक बार फिर कब्जे का प्रयास किया गया। महिला क्रिकेटर जब अपने पिता के साथ मौके पर पहुंची को उन्हें ताला टूटा मिला और अंदर साफ-सफाई भी कराई गई थी। इस दौरान वहां खड़ा एक शख्स उन्हें देखते ही गायब हो गया।

अर्जुन अवार्डी अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटर पूनम यादव की सदर तहसील की कुंडौल स्थित जमीन पर मंगलवार को एक बार फिर कब्जे का प्रयास किया गया। जब पूनम अपने पिता के साथ जमीन पर पहुंची तो गेट का ताला टूटा था, उन्हें देखते ही कुछ दूरी पर खड़ा व्यक्ति रफूचक्कर हो गया। महिला क्रिकेटर ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने मामले को संज्ञान लेते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है।

Poonam Yadav क्रिकेटर की जमीन पर दोबारा कब्जे का प्रयास

उत्तर प्रदेश के आगरा के कुंडौल में Poonam Yadav ने जमीन खरीदी थी। इसी जमीन पर कुछ दिन पूर्व कुछ लोगों ने अपनी जमीन होने का दावा कर कब्जा करने का प्रयास किया था। जिसके बाद पुलिस और प्रशासन की मदद से पूनम को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया गया।

सोमवार को दोबारा जब पूनम अपने पिता रघुवीर सिंह के साथ उसी जमीन पर पहुंची तो देखा बाउंड्रीवाल पर लगे गेट का ताला टूटा हुआ था। गेट के अंदर साफ-सफाई भी किसी ने कराई थी। पूनम ने बताया उनको पिता के साथ देख पास में खड़ा एक व्यक्ति रफूचक्कर हो गया। इसके बाद पूनम ने एसीपी फतेहाबाद अमरदीप से शिकायत की, एसीपी ने डौकी प्रभारी से मामले की रिपोर्ट देने को कहा।

प्रभारी निरीक्षक डौकी जय नारायण सिंह ने बताया

शिकायत पर उपनिरीक्षक के साथ क्रिकेटर पूनम यादव जब मौके पर गईं तो गेट पर ताला लगा मिला था। क्रिकेटर पूनम का कहना है यह भूमि उनकी है, कोई परेशान करने का प्रयास कर रहा है।

Poonam Yadav को पिता ने कभी तानों से तंग होकर घर बैठा दिया था

महिला टी-20 वर्ल्ड कप में आगरा की रहने वाली लेग स्पिनर Poonam Yadav ने अपनी गेंदबाजी के उत्कृष्ट प्रदर्शन से पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। आज वे किसी परिचय का मोहताज नहीं है। लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब पूनम को उनके पिता ने सामाजिक दबाव के चलते क्रिकेट खेलने से मना कर दिया था।

लोगों का ताना सुनकर मां भी एक आम लड़की की तरह शादी के बाद पूनम को चूल्हा, चौका करने की बात समझाती थीं। लेकिन, जुनून व जज्बे को देखकर माता-पिता, दोनों समझ चुके थे कि बेटी नहीं मानने वाली, फिर चाहे जितनी बंदिशें लगा लें। कोच हेमलता काला के समझाने पर परिजन तैयार हुए, फिर पूनम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

Poonam Yadav के पिता सेना से रिटायर्ड

Poonam Yadav के पिता रघुवीर सिंह आर्मी के रिटायर्ड सूबेदार मेजर हैं। उन्होंने बताया- 8 साल की उम्र में पूनम ने क्रिकेट खेलने के लिए स्टेडियम जाने की जिद की थी। उसे भेजना शुरू किया तो लोग ताना मारने लगे कि, बेटी बड़ी हो रही है। उसे स्टेडियम भेजना बंद करा दीजिए। बदनामी होगी।

मैं भी लोगों की बातों में आ गया और उसका स्टेडियम जाना बंद करा दिया। एक दिन पूनम अपनी कोच हेमलता काला को लेकर घर आ गई। हेमलता ने समझाया कि, क्रिकेट में भी लड़कियां अच्छा कर रही हैं। उनकी बातों को सुनकर हम तैयार हो गए और पूनम को खेलने के लिए आजाद कर दिया।

पिता ने कहा- पूनम किसी भी चीज में लड़कों से कम नही हैं और बचपन से उसे लड़कों की तरह खेलना और रहना पसंद था। शुरुआत में वह बास्केटबॉल खेलती थी। लेकिन, लंबाई कम होने के चलते कोई फायदा नहीं दिखा और उसने एकलव्य स्टेडियम जॉइन किया तो उस समय भारतीय टीम में प्रीति और हेमलता दिवाकर खेल रही थीं। इसके बाद पूनम के दिल में विचार आया कि महिलाएं भी क्रिकेट खेलकर नाम कमा सकती हैं।

पिता ने कहा- उन्हें भारतीय टीम में खेल रही सभी बेटियों से उम्मीद है कि वो विश्वकप लाकर देश का नाम रोशन करेंगी। पूनम की कोहनी में चोट के चलते बीच में उसका प्रदर्शन कम हुआ था पर उसके बाद टीम ने उन पर भरोसा किया और पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया के चार विकेट गिराकर उसने टीम को जीत दिलाकर सबको संदेश दे दिया कि भारत किसी से कम नहीं है।

Poonam Yadav के साथ टीम में आगरा की दीप्ति

Poonam Yadav की मां मुन्नी देवी ने बताया कि- जब पूनम का मैच आता है तो खाना बनाना तक छोड़ देती हूं। कूकर की सीटी बजती रहे या खाना जल जाए उन्हें फर्क नही पड़ता है। मैच जरूर देखती हैं। पहले जब पूनम खेलने जाती थी तो लोग तरह तरह की बाते करते थे और ताने मारा करते थे पर बाद में जब उसने कुछ करके दिखाया तो सबकी बोलती बंद हो गयी।

जब पूनम क्रिकेट खेलती थी तो उस समय हम कहते थे कि हम गांव के लोग हैं। तुम्हारी जल्दी शादी कर देंगे और न हमारे पास इतना ज्यादा खर्च करने के लिए पैसे हैं पर वो तब भी नहीं मानी और आज देश में नाम कमा रही है। आगरा की दीप्ति शर्मा भी टीम में है और मुझे कभी उससे जलन नहीं होती है, बल्कि खुशी होती है और मैं उसे भी बेटी की तरह ही मानते हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार बेटियां कप जरूर लेकर आएंगी।

चौथा बेस्ट वनडे डेब्यू का पूनम के नाम रिकॉर्ड शुरुआत में पूनम का आगरा मंडल में सिलेक्शन हुआ, फिर यूपी की टीम से खेलीं। वो अंडर-19 टीम की कैप्‍टन भी रह चुकी हैं। 5 अप्रैल 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ वडोदरा में हुए टी-20 इंटरनेशनल मैच से करियर की शुरुआत की। करियर के पहले वनडे मैच में इन्होंने 15 रन देकर 3 विकेट लिए थे। यह इंडियन वुमेन क्रिकेट का चौथा बेस्ट वनडे डेब्यू रिकॉर्ड है।

Poonam Yadav के करियर पर नजर

Poonam Yadav भारतीय टीम की सबसे अनुभवी सदस्यों में से एक हैं। दाएं हाथ की इस लेग स्पिनर को भारत के गेंदबाजी आक्रमण का केंद्र माना जाता है। उन्होंने कई बार संकटपूर्ण परिस्थितियों से भारतीय टीम को उबारा है। अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित यह क्रिकेट फ्लाइटेड गेंद से बल्लेबाजों को काफी परेशान करती है।

पूनम यादव ने अब तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए 52 एकदिवसीय और 71 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और क्रमश: 23 और 15 की गेंदबाजी औसत से 75 और 98 विकेट लिए हैं। उन्होंने 16 नवंबर 2014 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। इस दौरान उन्होंने 3 विकेट लिए।

Poonam Yadav के को मिला अर्जुन अवार्ड, पिता बोले, बेटी ने बढ़ाया देश का मान

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की लेग स्पिनर Poonam Yadav को गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खेल दिवस पर उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया। इस पुरस्कार के पाते ही पूनम यादव अर्जुन अवार्ड पाने वाली देश की 54वीं क्रिकेटर बन गईं।

साथ ही पूर्व ओलंपियन जगवीर सिंह, एथलीट विजय सिंह चौहान और वॉलीबाल खिलाड़ी अजीत भदौरिया के बाद वह अर्जुन अवार्ड पाने वाली शहर की चौथी खिलाड़ी बन गईं।

राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में देशभर के विभिन्न खेलों की हस्तियां जुटीं। समारोह में पूनम यादव के नाम की घोषणा होते ही पूरा सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। 23 साल बाद ताजनगरी की किसी खिलाड़ी को अर्जुन अवार्ड मिलने से शहर में खुशी का माहौल दिखा।

इस दौरान लोग घरों में टीवी से चिपके रहे। खेल प्रेमियों ने जश्न मनाकर इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाया। अवार्ड लेते समय पूनम के पिता रघुवीर सिंह, मां मुन्नी देवी, कोच मनोज कुशवाहा के लिए भी यह पल यादगार रहा।

बेटी को सम्मान मिलने पर पिता रघुवीर सिंह भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी ने आज मेरे परिवार के साथ शहर के लोगों का मान बढ़ाया है। पूनम ने आज परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह साबित कर दिया है कि खेल की दुनिया में लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। जिस समय मेरी बेटी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अवार्ड ले रही थी, उस समय मेरे पास शब्द नहीं थे। अलग अनुभूति का एहसास हो रहा था। सच कहूं तो मैं आज अपने को दुनिया का सबसे खुशनसीब पिता मान रहा हूं।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की लेग स्पिनर पूनम यादव ने कहा जिस समय मेरा नाम अर्जुन अवार्ड के लिए पुकारा गया, उस समय सबसे पहले मैंने अपनी मां और पिता की तरफ देखा। मैं काफी भावुक हो गई। यह अवार्ड अपने माता, पिता, भाई, कोच और शहर के हरेक खेल प्रेमी के आशीर्वाद का परिणाम मानती हूं। पूनम का कहना है कि अर्जुन अवार्ड लेना मेरी जिंदगी का ऐतिहासिक पल बन गया है।

भारत के राष्ट्रपति से अवार्ड लेना किसी भी खिलाड़ी के जीवन में बड़ा सम्मान होता है। उन्होंने कहा कि मैं महसूस करती हूं कि अवार्ड लेने के बाद क्रिकेट के लिए मेरी जिम्मेदारी पहले से अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में लड़कियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। खेलों में काफी संभावनाएं हैं। सरकार भी काफी सुविधाएं दे रही है।

Poonam Yadav को खेल के शुरुआती सफर में एक बड़ी रुकावट का सामना करना पड़ा था। वाक्या सन 2009 का है जब लड़कों के साथ प्रैक्टिस करने की शिकायत पर वह दो-तीन दिन तक मैदान में नहीं जा सकी थीं। हालांकि, मां मुन्नी देवी भी यह समझ चुकी थीं कि पूनम में क्रिकेट का जुनून है। उसे कई दिनों तक रोका नहीं जा सकता। इसके बाद पूनम के भाई को उन्हें मैदान में लेकर जाने की जिम्मेदारी दी गई।

बहन जहां हर रोज मैदान में घंटों अभ्यास करती थी, उस समय तक उनका भाई मैदान में ही रहता था। पूनम की मां मुन्नी देवी बताती हैं कि दो-तीन दिन जब पूनम प्रैक्टिस के लिए नहीं जा सकी, तो घर में ही गेंदबाजी का एक्शन करती रहती थीं। उनके पिता रघुवीर सिंह ने भी साफ कर दिया था कि कोई कुछ भी कहे, बेटी को खेलने दो, आगे बढ़ने दो। मुन्नी देवी बताती हैं कि पूनम ने उनसे कहा था कि मां जुनून से ही जग जीता जा सकता है। इसलिए मुझे खेलने दें।

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