मुंबई ने उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन किया जो एक नीरस ड्रॉ मुक़ाबले के रूप में सामाप्त हुआ, अंततः पहली पारी की बढ़त के आधार पर मुंबई ने फ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई किया। अब वे 22 जून से बेंगलुरु में मध्य प्रदेश से भिड़ेंगे, जिन्होंने दूसरे सेमीफ़ाइनल में बंगाल को 174 रनों से हराया।
पहली पारी में 213 रन की बढ़त के बाद, जब अंतिम दिन के दोपहर में मुंबई ने अपनी दूसरी पारी घोषित की तो उनके पास कुल बढ़त 746 रनों की थी।
हालांकि चौथे दिन की समाप्ति पर ही मुंबई का फ़ाइनल में पहुंचना निश्चित हो गया था, जब वे 662 रन से आगे थे। मुंबई के इस प्रभावशाली प्रदर्शन के मुख्य रचनाकार युवा सलामी बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल रहे, जिन्होंने मैच में 100 और 181 के स्कोर के साथ दो शतक बनाए।
दूसरी पारी में खेली गई 181 रनों की पारी यशस्वी के प्रथम श्रेणी करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है, जिसमें 23 चौके और एक छक्का शामिल था।इसके साथ ही यशस्वी ने इस टूर्नामेंट में लगातार तीसरा शतक जड़ा।
उत्तराखंड के ख़िलाफ़ क्वार्टर फ़ाइनल की दूसरी पारी में उन्होंने 103 रन बनाए थे। मुंबई के बाक़ी बल्लेबाज़ों ने भी बढ़िया योगदान दिया। विकेटकीपर हार्दिक तोमोरे ने इस सीज़न के अपने पहले मैच में ही 115 रनों की बेहतरीन पारी खेली। तोमोरे को चोटिल आदित्य तरे की जगह पर मौक़ा मिला था और उन्होंने इसका अच्छा उपयोग किया।
मुंबई की दूसरी पारी में कप्तान पृथ्वी शॉ ने 64 रनों की मनोरंजक पारी खेली, जबकि अरमान जाफ़र ने 127 रनों का योगदान दिया, जो इस सीज़न तीन मैचों में उनका दूसरा शतक है।
पहली पारी में उत्तर प्रदेश के सामने 393 रन का स्कोर खड़ा करने के बाद मुंबई के गेंदबाज़ों ने विपक्षी टीम को 180 रन पर ढेर कर दिया। तेज़ गेंदबाज़ों तुषार देशपांडे और मोहित अवस्थी और ऑफ़ स्पिनर तनुष कोटियान ने तीन-तीन विकेट लिए। यदि शिवम मावी, जो दो रन से अपने पचासे चूक गए, नीचले क्रम में आकर जुझारूपन नहीं दिखाया होता तो यूपी की टीम और कम स्कोर पर सिमट जाती।
यूपी के लिए यह मैच फ़ील्डिंग के लिहाज़ से भी अच्छा नहीं रहा, उन्होंने इस मैच में कुल आठ कैच छोड़े। 5वें दिन लंच के बाद खेल शुरू हुआ। सरफ़ारज़ ख़ान ने पहली पारी में 40 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में भी 59 रन बनाकर अपना शानदार फ़ॉर्म जारी रखा, जबकि शम्स मुलानी ने मैच का अपना दूसरा अर्धशतक जड़ा।
उत्तर प्रदेश तीसरे दिन ही ऑलआउट हो गया। पहली पारी की विशाल बढ़त के बावजूद मुंबई ने फ़ॉलोऑन देने के बजाए रनों का अंबार लगाना जारी रखा। मुंबई ने रिकॉर्ड 41 बार रणजी ख़िताब जीते हैं। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में उनके पास इसमें एक और ख़िताब जोड़ने का मौक़ा है।