Indian National Cricket Team Matches 2022 Performance: विगत वर्ष जब रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ की भारतीय जोड़ी ने टीम इंडिया की कमान संभाली थी, तब सभी को एक उम्मीद सी जागी थी। इन दोनों की जोड़ी कप्तान और कोच की जिम्मेदारी संभालने के बाद लगा था कि भारतीय क्रिकेट टीम के पास एक लंबा प्लान है। इसके साथ ही घरेलू क्रिकेट से नए खिलाड़ी भी आ रहे थे इसके अलावा जो टीम में थे, इनकी भूमिका भी साफ थी। कोई कमजोरी भी नजर नहीं आ रही थी।
हार्दिक पाण्ड्या की वापसी ने भी एक तेज गेंदबज ऑलराउंडर की जरुरत भी बहुत हद तक पूरी कर दी थी। पिछले वनडे विश्व कप में नंबर-4 की जो परेशानी से टीम इंडिया जूझ रही थी, वो भी दूर होती हुई दिख रही थी। लेकिन, एक साल बीतने को है जितनी भी उम्मीदें जागी थी, अगर सारी नहीं तो, काफी उम्मीदें तो धुंधली पड़ती दिख रही हैं।
आईसीसी ट्रॉफी का लंबे समय से इंतजार करती टीम इंडिया
इस एक साल में भारत ने व्हाइट बॉल क्रिकेट में बहुत से प्रयोग किए। साल 2021 टी20 विश्व कप के बाद के 12 महीनों में भारत ने 30 से अधिक टी20 मैच खेले। दो दर्जन से ज्यादा खिलाड़ियों को आजमाया भी गया। इसी अवधि में आधा दर्जन खिलाड़ियों ने डेब्यू भी किया, इतना ही नहीं 4 कप्तान भी बदले गए रोहित और राहुल की जोड़ी ने इतने प्रयोगों से टीम इंडिया को प्रयोगशाला बना दिया। आसटेलिया मे इस साल खेले गए टी 20 वर्ल्ड कप के लिए फाइनल 15 तय हुए।
लेकिन यह 15 खिलाड़ी मिलकर भी भारत के आईसीसी ट्रॉफी जीतने के सपने को पूरा नहीं कर पाए। एक बार फिर टीम इंडिया आईसीसी ट्रॉफी के नॉकआउट स्टेज में हार गई साल 2013 के बाद से कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीतने का जो दाग, टीम इंडिया पर लगा था, वो और गहरा हो गया।
यह भी पढ़े – Jayant Yadav Stats, Wiki, Biography, wife, age, Century, IPL
टीम इंडिया में जरूरत से ज्यादा प्रयोग और मिल रही है नाकामी
टीम इंडिया ने एक ही साल के अंदर टी-20 में 4 खिलाड़ियों से कप्तानी कराई है रोहित शर्मा के अलावा ऋषभ पंत, के एल राहुल, हार्दिक पाण्ड्या, को भविष्य के लिए कप्तानी का मौका दिया जाना के हिसाब से भारतीय टीम मैनेजमेंट का यह फैसला सही कहा जा सकता है।
इसके कारण विश्व कप की टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा समेत पांच इंटरनेशनल कप्तान का खेल और विकेट कीपिंग का भी यही हाल हुआ, जो व्हाइट बॉल क्रिकेट में किसी टीम की सबसे अहम कड़ी होता है टी 20 विश्व कप से पहले भारत ने संजू सैमसन, ईशान किशन, दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत से विकेटकीपिंग कराई. लेकिन, आखिरकार टीम ने 37 साल के दिनेश कार्तिक पर भरोसा जताया और उन्हें मुख्य विकेटकीपर के तौर पर टी20 विश्व कप की टीम में मौका दिया। बेकअप विकेट कीपर के रूप मे ऋषभ पंत रहे है।
टीम इंडिया इतने प्रयोगों के बाद भी नाकाम रही
साल 2013 के बाद भारत ने अलग अलग आईसीसी टुनामेन्ट मे 10 नॉक आउट मैच खेले। लेकिन, इसमे से 7 मैच हारे 3 मैच जीते। अब भारत को व्हाइट बॉल क्रिकेट मे अच्छा करना हो तो,अब इस टीम मे बदलाव की जरूरत है। क्योंकि अगले साल अक्टूबर नवंबर मे भारत मे वन डे विस्व कप खेला जाएगा, भारत के सामने कई चुनौतियां और सवाल हैं, जिसके जवाब उसे ढूंढने होंगे।
टीम इंडिया को बांग्लादेश से मिली हार पचाना मुश्किल
इसकी शुरुआत बांग्लादेश के खिलाफ 3 वनडे की सीरीज से ही हो गया है।. भारत को बांग्लादेश ने लगातार दो वनडे मैच में हराया., दोनों ही मैच में जिस अंदाज से टीम इंडिया हारी, उसे हजम कर पाना मुश्किल है।. इन दोनों ही मुकाबलों में भारत की पुरानी कमजोरी उभरकर सामने आई। डेथ ओवर की गेंदबाजी के साथ-साथ मिडिल ओवर की गेंदबाजी ने भी भारत की परेशानी बढ़ा दी है.
भारत को वनडे विश्व कप को ध्यान में रखकर ऐसे गेंदबाज तैयार करने होंगे, जो कि बीच के ओवर में विकेट निकालने की काबिलियत रखते हों. क्योंकि भारतीय पिच पर अगर नई गेंद से टीम विकेट निकालने में नाकाम रहती है तो फिर बीच के ओवर में रन रोकना और विकेट निकालना और मुश्किल हो जाता है.
यह भी पढ़े – Kuldeep Sen Wiki, Biography, Age, Wife, Stats, Records
Indian National Cricket Team Matches 2022 Performance: टीम इंडिया के गेंदबाज लुटा रहे हैं रन
साल 2020 के बाद से वनडे में 11 से 40 ओवर के बीच न्यूजीलैंड के 4.92 और ऑस्ट्रेलिया के 5.04 के इकोनॉमी रेट के मुकाबले भारतीय गेंदबाजों ने 5.56 के इकोनॉमी रेट से बीच के ओवर में रन दिए हैं. यहां तक कि इस अवधि में घर में मिडिल ओवर में भारत की 5.76 की इकोनॉमी रेट केवल इंग्लैंड (6.14) और दक्षिण अफ्रीका (6.49) से बेहतर है.
इंग्लैंड के पास तो इतने पावर हिटर बल्लेबाज है, जो गेंदबाजों द्वारा लुटाए गए अतिरिक्त रन की भरपाई बल्लेबाजी में कर सकते हैं लेकिन भारत के लिए फिलहाल ऐसा नहीं कहा जा सकता है। पहली पसंद के रूप मे स्पिनर यूज़वेन्द्र चहल को जब माना जाता है तो फिर उन्हे लगातार मौके देने होंगे वही दूसरी और रवि बिसनोई जैसे युवा को भी आजमाना होगा इसी प्रकार के बदलाव बल्लेबाजी मे भी करने होंगे।
टीम इंडिया में नए खिलाड़ियों को देना होगा मौका
श्रेयस अय्यर के बाद शुभमन गिल इस साल भारत के लिए वनडे में 70 की औसत से रन बना रहे है।. न्यूजीलैंड दौरे पर भी इन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की। लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ जब वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम चुनी गई तो उनका नाम ही नहीं था। शिखर धवन का नाम उस दोंरे मे आ गया था,लेकिन अब भारत को धवन से आगे देखना चाहिए।
वन डे मैच मे रोहित के सलामी जोड़ी के रूप मे गिल को नियमित मौका देना चाहिए। यही फार्मूला मिडिल ऑर्डर मे विराट कोहली को लेकर भी करना चाहिए। मिडिल ऑर्डर मे श्रेयाश अय्यर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे है