Himanshu Mantri, Biography in Hindi, Domestic Career, IPL, Wife, Net Worth मध्य प्रदेश टीम के संकट मोचन खिलाड़ी है ये भारतीय घरेलू क्रिकेट के 1 Strong खिलाड़ी

Himanshu Mantri एक भारतीय क्रिकेटर हैं। इनके पिता का नाम संदीप कुमार है इनका पूरा नाम-हिमांशु संदीप कुमार मंत्री है इनका जन्म 09 फ़रवरी 1994 को शहडोल, मध्य प्रदेश मे हुआ था अभी इनकी आयु करीब 30 वर्ष की है इनकी बल्लेबाजी शैली बाएँ हाथ के बल्लेबाज की है और इनकी क्षेत्ररक्षण स्थिति विकेट कीपर के रूप मे है। उन्होंने 17 दिसंबर 2019 को 2019-20 रणजी ट्रॉफी में मध्य प्रदेश के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया।

आखिर हिमांशु मंत्री कहां के खिलाड़ी हैं? आपको बताते हैं कि हिमांशु मंत्री जो इन दिनों मध्य प्रदेश रणजी टीम की जान बने हुए हैं, वो आदिवासी बाहुल्य इलाका शहडोल जिले के रहने वाले हैं, 30 साल के हो चुके हिमांशु 27 फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके हैं जिसमें 38.02 के औसत से 1,711 रन बनाए हैं।

इसमें 5 शतक और 6 अर्धशतक लगा चुके हैं वहीं लिस्ट A मैच की बात करें तो 3 लिस्ट A मैच भी खेल चुके हैं।  जिसमें 130 की औसत से 260 रन बनाए हैं, 127 इनका हाईएस्ट स्कोर है, और एक शतक और दो अर्धशतक भी लगा चुके हैं।

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Himanshu Mantri बड़ी पारी खेलने में माहिर

मध्य प्रदेश टीम के संकट मोचन इस खिलाड़ी के शुरुआती कोच आशुतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि जब शहडोल में हिमांशु खेला करते थे, डिस्ट्रिक और डिवीज़न के मुकाबले हुआ करते थे तो उनमें एक अलग ही प्रतिभा दिखती थी।  सबसे बड़ी बात यह थी कि वो बड़ी पारियां खेलते थे और दबाव में बेहतरीन पारियां खेलने में माहिर रहे हैं, यही अब मध्य प्रदेश की रणजी टीम में भी देखने को मिल रहा है।

हिमांशु शुरुआत से काफी मेहनती रहे हैं. जैसे-जैसे उनका अनुभव बढ़ता जाएगा वह टीम के लिए और बड़े खिलाड़ी बनेंगे, और यह जो शतकीय परियां आ रही हैं, वो डबल हंड्रेड में भी तब्दील होगी, क्योंकि अभी असली गेम तो उनका आना बाकी है।

Himanshu Mantri सेमीफाइनल से सुर्खियों में आये जानिए Champion बनने की कहानी

मध्यप्रदेश की रणजी टीम पहली बार चैंपियन बनी तो हर जगह खिलाड़ियों की तारीफ हो रही है, युवाओं से भरी इस टीम ने कमाल दिखाया और इतिहास बना दिया। रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले में प्रदेश शहडोल के रहने वाले विकेट कीपर बल्लेबाज हिमांशु मंत्री अचानक ही अपनी शतकीय पारी के साथ सुर्खियों में आए। Himanshu Mantri ने टीम के लिए उस वक्त ये पारी खेली जब मध्य प्रदेश की टीम को शुरुआती झटके लग चुके थे।

 टीम को उस वक्त एक बड़ी पारी की जरूरत थी बाद में उस मैच में हिमांशु मंत्री मैन ऑफ द मैच बने. अब युवा मैच विनर खिलाडी हिमांशु मंत्री से मीडिया ने बात की है, सुनिए युवा चैंपियन की जुबानी टीम के चैंपियन बनने की कहानी.

Himanshu Mantri ने कहा- जीत में सभी का कंट्रीब्यूशन:

रणजी ट्रॉफी का अपना सफर बताते हुए हिमांशु ने कहा कि, “जब कोई भी टीम फाइनल तक पहुंचती है, तो उसमें बहुत सारे मूवमेंट रहते हैं कुछ अच्छे रहते हैं कुछ चैलेंजिंग रहते हैं. हमारे लिए दोनों ही अच्छे थे, क्योंकि चैलेंजिंग मूवमेंट जो थे उसे हमने बहुत ज्यादा एंजॉय किया और ज्यादा दम से एज ए टीम आए, कई सारे अच्छे मोमेंट्स थे. अगर कोई एक टीम फाइनल खेल रही है, तो उसमें एक का नहीं बल्कि हर एक का कंट्रीब्यूशन होता है।

साल 2019 मे मेरा रणजी डेब्यू हुआ था, लेकिन वह सीजन मेरे लिए बहुत अच्छा नहीं गया था हालांकि कोविड-19 का दौर शुरू हो गया, तो हमें भी थोड़ा समय मिल गया। हम घर पर रह सके, थोड़ी अपनी कुछ कमजोरियों पर काम करना था उस पर फोकस कर पाए. वो टाइम मेरे लिए पर्सनली बहुत हेल्पफुल था, क्योंकि कुछ चीजें ऐसी थी जिसे मैंने सुधारी और वह मुझे रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में बहुत फायदा दिया.”

Himanshu Mantri का रणजी ट्रॉफी तक का सफर:

शहडोल से रणजी ट्रॉफी तक का सफर फिर चैंपियन बन जाने के सवाल पर Himanshu Mantri कहते हैं कि, “अच्छा सफर था इस चैलेंज को मैंने बहुत इंजॉय किया, आजकल कोई भी आप काम करिए उसमें चैलेंज तो रहेगा ही, चाहे पढ़ाई कर लो, बिजनेस कर लो या कोई भी जॉब कर लो।

हर चीज में चैलेंज है, लेकिन मेरे साथ ये अच्छी चीज है कि यह काम मुझे शुरू से पसंद था तो यह काम करने में मेरे को कभी भी दिक्कत नहीं हुई। सुबह उठने में मुझे कभी कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी, यह जर्नी मैंने बहुत इंजॉय की.”

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Himanshu Mantri के अनुसार एमपी टीम ने पहले ही देख ली थी जीत:

मध्य प्रदेश की रणजी टीम युवा थी, जब रणजी ट्रॉफी की शुरुआत हुई थी तो क्या लग रहा था कि चैंपियन बन जाएंगे के सवाल पर हिमांशु ने कहा कि, “देखें पूरी टीम कॉन्फिडेंट थी, यह जो ट्रॉफी हम जीते तो उसकी पिक्चर हम 1 साल पहले से देख रहे थे।

हमारी एक फाइल बनती थी, जिसमें हम हर दिन के इनपुट्स डालते हैं. उसका पहला पेज जो था वो ट्रॉफी था, मतलब हम कोई भी काम करते हैं तो हमें वह ट्रॉफी दिखती रहती है. टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही इस बार चैंपियन बनने के लिए हम सभी कॉंफिडेंट थे.”

Himanshu Mantri मुश्किल घड़ी में टीम के संकटमोचक

 नागपुर में मध्य प्रदेश और विदर्भ की टीम के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला जा रहा है मैच का आज तीसरा दिन है। इस मैच में एक बार फिर से एमपी की टीम का एक युवा खिलाड़ी संकट मोचक बनकर उभरा है. कौन है ये युवा खिलाड़ी और कहां से निकल कर आया है, और कैसे एमपी की टीम के लिए लकी चार्म बन गया है।

मध्यप्रदेश की टीम रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर रही है नागपुर में मध्य प्रदेश और विदर्भ के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला जा रहा है। ये मुकाबला जीतते ही मध्यप्रदेश की टीम एक बार फिर से रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंच जाएगी. मैच के तीसरे दिन मध्य प्रदेश की टीम पहली पारी में बढ़त लेने में कामयाब रही है. बल्लेबाजी में Himanshu Mantri ने शानदार खेल दिखाया।

विदर्भ की टीम की पहली पारी 170 रन पर ही सिमट गई. मध्य प्रदेश की टीम को पहली पारी में ताबड़तोड़ झटके लगे लेकिन एक बार फिर हिमांशु मंत्री संकटमोचक बनकर आए. हिमांशु ने 126 रन की शतकीय पारी खेलकर टीम को बढ़त दिलाई।

Himanshu Mantri का पिछले साल रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन

हिमांशु मंत्री ने 265 गेंदों का सामना किया. इसमें 13 चौके व एक सिक्स जड़ा. उन्होंने पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ छोटी-छोटी अहम साझेदारियां की. हिमांशु की बदौलत मध्य प्रदेश की टीम पहली पारी में 82 रन की बढ़त लेने में कामयाबी रही।

यहाँ पर हम आपको यह बता दें कि हिमांशु मंत्री जब से मध्य प्रदेश की टीम में शामिल हुए तभी से टीम के लिए लकी हैं। साल 2022 के रणजी ट्रॉफी में भी हिमांशु ने शानदार खेल दिखाया था उस समय भी हिमांशु मंत्री ने 165 रन की पारी खेली थी। बता दें कि 2022 में मध्यप्रदेश की टीम पहली बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनने में भी कामयाब हुई।

Himanshu Mantri मध्य प्रदेश रणजी टीम का ‘संकटमोचक’

रणजी सेमीफाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश की टीम अभी मजबूत स्थिति में है, इस मुकाबले में मध्य प्रदेश की टीम पहली पारी में बढ़त लेने में कामयाब रही, तो उसकी सबसे बड़ी वजह रहे युवा बल्लेबाज हिमांशु मंत्री. भले ही विदर्भ की टीम की पहली पारी 170 रन पर ही सिमट गई थी, लेकिन मध्य प्रदेश की टीम की पहली पारी में बल्लेबाजी भी कुछ सही नहीं थी,

 क्योंकि मध्य प्रदेश की टीम को भी ताबड़तोड़ झटका लग रहे थे, ऐसे में एक बार फिर से एमपी टीम के लिए उनके युवा खिलाड़ी Himanshu Mantri संकट मोचक बनकर आए. हिमांशु मंत्री ने रनों की बरसात उस वक्त की जब मध्य प्रदेश की टीम खराब स्थिति में थी. टीम को एक ऐसे पारी की जरूरत थी, तभी यह युवा खिलाड़ी चमका और हर बार की तरह एक बार फिर से टीम के लिए संकट मोचन बन गया.

Himanshu Mantri के इस साल रणजी ट्रॉफी में 3 शतक

मौजूदा टूर्नामेंट में हिमांशु मंत्री मध्य प्रदेश की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. हिमांशु ने 8 मैच में 49.15 की औसत से मध्य प्रदेश की ओर से रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा 639 रन बनाए हैं. इसमें तीन शतक हैं, दो अर्धशतक लगा चुके हैं. इससे पहले इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने बड़ौदा के खिलाफ 111 रन की पारी खेली थी. उड़ीसा के खिलाफ 119 रन बनाए थे, और पुंडुचेरी और जम्मू कश्मीर के खिलाफ उन्होंने अर्धशतक लगाए.

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Himanshu Mantri एमपी टीम के लकी खिलाड़ी

Himanshu Mantri जब से मध्य प्रदेश की टीम में शामिल हुए हैं तभी से टीम के लिए लकी खिलाड़ी बन गए. जिस तरह से हिमांशु ने मौजूदा रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले में अपनी टीम के लिए एक अहम शतकीय पारी खेली, ठीक उसी तरह साल 2022 के रणजी ट्रॉफी में भी कुछ ऐसा ही कमाल किया था. सेमीफाइनल का मुकाबला था और मध्य प्रदेश का मुकाबला 2022 के सेमीफाइनल में बंगाल की टीम के साथ था, जहां एक मध्य प्रदेश की टीम पहली पारी में ही लड़खड़ा गई थी, लेकिन मंत्री ने वहां भी शानदार 165 रन की पारी खेल कर टीम के लिए संकटमोचक बनकर उभरे थे.

हिमांशु के इसी 165 रन की पारी की बदौलत मध्यप्रदेश की टीम ने सेमीफाइनल मुकाबले में बंगाल की टीम को 174 रन से हरा दिया था और फाइनल में जगह बनाई थी. ये वही साल था जब 2022 में मध्यप्रदेश में टीम पहली बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनने में कामयाब हुई थी. सेमीफाइनल मुकाबले में हिमांशु मंत्री मैन ऑफ द मैच भी बने थे, और 2022 में मध्य प्रदेश की टीम रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनी थी. तभी से ये सिलसिला जारी है.

Himanshu Mantri का रणजी ट्रॉफी: हिमांशु मंत्री के शतक ने मध्य प्रदेश को विदर्भ पर बढ़त दिलाई

Himanshu Mantri
Himanshu Mantri

रविवार को नागपुर में रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल के दूसरे दिन Himanshu Mantri ने शानदार शतक बनाते हुए धैर्य और तकनीकी योग्यता दिखाते हुए अकेले दम पर मध्य प्रदेश को विदर्भ के खिलाफ पहली पारी में 252 रनों पर समेट दिया। मंत्री की 265 गेंदों में 126 रन (13×4, 1×6) की मदद से मध्य प्रदेश ने दिन की शुरुआत एक विकेट पर 47 रन से करने के बाद 82 रन की छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की।

अपनी दूसरी पारी में विदर्भ ने स्टंप्स तक अथर्व तायडे के नुकसान पर 13 रन बना लिए हैं और वह 69 रन से पीछे है। मन्त्री की पारी का महत्व, सीज़न का उनका तीसरा शतक, इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि एमपी पारी में अगला उच्चतम स्कोर सारांश जैन का 30 रन था।

लेकिन सुबह के सत्र में, मध्य प्रदेश ने मंत्री और हर्ष गवली के माध्यम से एक स्थिर शुरुआत की, दूसरे विकेट की जोड़ी ने अपने गठबंधन को 61 तक बढ़ा दिया और विदर्भ एक विकेट पर 81 रन पर पहुंच गया। लेकिन तेज गेंदबाज यश ठाकुर (3/51) ने गवली (25, 77 बी) को विकेट के सामने फंसाकर स्टैंड तोड़ दिया और विदर्भ ने 12 रन जोड़ते हुए दो और विकेट खो दिए।

अनुभवी तेज गेंदबाज उमेश यादव (3/40) ने मेजबान टीम के कप्तान शुभम शर्मा (1) को यॉर्क किया और ठाकुर ने वेंकटेश अय्यर (0) को आउट करने के खिलाफ पगबाधा की अपील की। विदर्भ चार विकेट पर 93 रन की असहज स्थिति में पहुंच गया, लेकिन सागर सोलंकी (25) ने मंत्री को ठोस समर्थन दिया और पांचवें विकेट के लिए 42 रन जोड़कर जहाज को स्थिर रखा।

मंत्री के साथ गड़बड़ी के कारण सोलंकी को बाहर होना पड़ा लेकिन इसके बाद एक और ठोस दौर आया। मंत्री को जैन के रूप में एक और इच्छुक साथी मिला और दोनों ने छठे विकेट के लिए 73 रन जोड़े, जिससे एमपी ने विदर्भ की पहली पारी के 170 रन के स्कोर को पार कर लिया।

पहले दिन की तुलना में पिच थोड़ी ढीली थी लेकिन गेंदबाजों की रुचि बनाए रखने के लिए ट्रैक पर पर्याप्त उछाल और उछाल था। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, स्पिनरों को भी थोड़ा टर्न मिला क्योंकि बाएं हाथ के स्पिनर आदित्य सरवटे और ऑफ स्पिनर अक्षय वखारे ने कुछ सवाल पूछे।

लेकिन मंत्री के पास उन खतरों को नकारने के लिए पर्याप्त कौशल थे – स्पिनरों को टर्न के साथ खेलना या स्विंग को कम करने के लिए तेज गेंदबाजों के खिलाफ क्रीज के ठीक बाहर खड़ा होना। जल्द ही, मंत्री ने वखारे की गेंद पर एक रन लेकर अपना शतक पूरा कर लिया और इस पल का जश्न दहाड़ के साथ मनाया।

लेकिन जैसे ही वे मजबूत हो रहे थे, वखारे की गेंद पर जैन का जोरदार प्रहार कवर पर अमन मोखड़े के साथ समाप्त हो गया। मंत्री, जिन्हें 115 रन पर राहत मिली, वह भी ज्यादा देर तक टिक नहीं सके क्योंकि वखारे को स्वीप करने के उनके प्रयास के घातक परिणाम आए।

गेंद ऊपरी किनारे से उछली और स्टंपर अक्षय वाडकर ने अपनी दाहिनी ओर गोता लगाते हुए कैच पूरा करने के लिए अच्छा प्रत्याशा दिखाया। विदर्भ की पारी भी जल्द ही सिमट गई क्योंकि आखिरी तीन विकेट 21 रन पर गिर गए।

30 साल के हिमांशु मंत्री का जन्म मध्य प्रदेश के शाहडोल में हुआ था. वह मध्य प्रदेश के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हैं. उनके फर्स्ट क्लास आंकड़ों की बात करें तो अब तक खले 27 मैचों की 46 पारियों में वह 1711 बना चुके हैं. इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 165 रन रहा है.

Himanshu Mantri का यह सीजन का तीसरा शतक

Himanshu Mantri का यह इस रणजी सीजन का तीसरा शतक है. इससे पहले इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने बड़ौदा के खिलाफ एक मैच में 111 रन की पारी खेली थी. वहीं, उड़ीसा के खिलाफ उन्होंने 119 रन बनाए थे. हिमांशु इस सीजन अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं. वह मध्य प्रदेश के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. उनके बल्ले से 8 मैचों की 13 पारियों में 600+ रन निकल चुके हैं. पुडुचेरी और जम्मू कश्मीर के खिलाफ उन्होंने अर्धशतक जमाए थे.

Himanshu Mantri का ऐसा रहा है फर्स्ट क्लास करियर

30 साल के Himanshu Mantri का जन्म मध्य प्रदेश के शाहडोल में हुआ था. वह मध्य प्रदेश के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हैं. उनके फर्स्ट क्लास आंकड़ों की बात करें तो अब तक खले 27 मैचों की 46 पारियों में वह 1711 बना चुके हैं. इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 165 रन रहा है. वहीं, उनके बल्ले से 5 शतक और 6 अर्धशतक भी देखने को मिले हैं. लिस्ट ए क्रिकेट में उन्होंने 3 मैच खेले और इसकी तीन पारियों में 127 रन के सर्वाधिक स्कोर के साथ 260 रन बनाए हैं. इसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं.

Himanshu Mantri के नाबाद शतक से मध्य प्रदेश शुरुआती झटकों से उबरा

बायें हाथ के बल्लेबाज हिमांशु मंत्री ने अपने प्रथम श्रेणी करियर का पहला शतक जमाया जिससे मध्य प्रदेश ने बंगाल के खिलाफ रणजी ट्राफी सेमीफाइनल के पहले दिन मंगलवार को यहां शुरुआती झटकों से उबरकर छह विकेट पर 271 रन बनाये।

Himanshu Mantri 134 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए हैं। इस 28 वर्षीय बल्लेबाज ने अपनी पारी में अब तक 280 गेंदों का सामना करके 15 चौके और एक छक्का लगाया है।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे मध्य प्रदेश की शुरुआत अच्छी नहीं रही तथा मुकेश कुमार (45 रन देकर दो विकेट) की शानदार गेंदबाजी से एक समय उसका स्कोर चार विकेट पर 97 रन था। हिमांशु को यहीं से अक्षत रघुवंशी के रूप में अदद जोड़ीदार मिला। इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिये 123 रन की साझेदारी की।

रघुवंशी ने तेज गेंदबाज आकाशदीप (55 रन देकर दो) की गेंद पर पगबाधा आउट होने से पहले 63 रन बनाये, जिसमें आठ चौके और दो छक्के शामिल हैं। आकाशदीप ने इसके बाद सारांश जैन (17) को बोल्ड किया। स्टंप उखड़ने के समय हिमांशु के साथ पुनीत दुबे नौ रन पर खेल रहे थे। बंगाल की तरफ से शाहबाज अहमद और प्रदीप्त प्रमाणिक ने भी एक – एक विकेट लिया।

Himanshu Mantri की टीमें

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश अंडर-16

Himanshu Mantri बैटिंग कैरियर आँकड़े

प्रारूपमैचपारीनॉटआउटरनबेस्टऔसतगेंदस्ट्राइकरेटशतकअर्धशतकचौकेछक्के
FC  28481184516539.25396546.536618816
लिस्टए331260127*130.00 237109.7012331

Himanshu Mantri के हालिया मैच

म.प्रदेश बनाम विदर्भ 126 एवं 8 2सी/0एस एवं 1सी/0एस 02-मार्च-2024 नागपुर एफसी

म. प्रदेश बनाम आंध्र 49 और 43 2सी/0एस और 3सी/0एस 23-फरवरी-2024 इंदौर एफसी

एम. प्रदेश बनाम जे+के 50 और 22 0c/0s और 1c/0s 16-फरवरी-2024  इंदौर एफसी

म.प्रदेश बनाम बड़ौदा 111 2सी/0एस एवं 2सी/0एस 09-फरवरी-2024 इंदौर एफसी

म.प्रदेश बनाम हिमाचल 18 3सी/0एस और 1सी/0एस 02-फरवरी-2024    धर्मशाला एफसी

Himanshu Mantri का डेब्यू/आखिरी मैच

एफसी मैच

पदार्पण एम. प्रदेश बनाम बड़ौदा, इंदौर – 17 दिसंबर – 20, 2019

अंतिम विदर्भ बनाम मध्य प्रदेश, नागपुर – 02 – 06 मार्च, 2024

लिस्ट ए

पदार्पण एम. प्रदेश बनाम नागालैंड, मुंबई – 21 नवंबर, 2022

अंतिम गोवा बनाम मध्य प्रदेश, ब्रेबोर्न – 23 नवंबर, 2023

Himanshu Mantri की वर्तमान टीमें: मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम (विकेटकीपर), सेंट्रल जोन क्रिकेट टीम (विकेटकीपर)

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