Aditya Thakre Cricketer चौथी गेंद पर ही हीरो बन गए

इंदौर के रणजी ट्राफी फाइनल में पहला मैच खेल रहा युवा गेंदबाज थोड़ा झिझकते हुए दौड़ना शुरू करता है, क्योंकि वो जिंदगी का पहला रणजी ट्राफी मैच खेल रहा है। तीन गेंदों के बाद जब वह चौथी गेंद करता है तो कमाल हो जाता है बल्कि यूं कहिए कि एक इतिहास बन जाता है ये युवा क्रिकेटर आदित्य ठाकरे है..नहीं, शिव सेना वाला आदित्य ठाकरे नहीं बल्कि विदर्भ का सबसे प्रॉमिशिंग युवा तेज गेंदबाज।
आज से 17 साल पहले 19 साल के लंबे कद के आदित्य रणजी ट्राफी फाइनल के इतिहास में पहले और अकेले गेंदबाज बन गए हैं, जिन्होंने पहले ही मैच में विकेट पा लिया, उनकी ये गेंद आउटस्विंगर थी। मिडल स्टंप पर पड़कर ऑफ स्टंप से निकलती हुई।
क्रिकेट के विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसी गेंदें बहुत खतरनाक होती हैं इन पर कभी बल्ला मत अड़ाओ लेकिन दिल्ली के बल्लेबाज कुणाल चंदेलिया ने ये गलती कर ही दी। इसके बाद वही हुआ जो होना था, विदर्भ के कप्तान फैजल ने पहली स्लिप पर उठे कैच को लपकने में कोई गलती नहीं की।
Aditya Thakre Cricketer के ड्रीम डेब्यू की कहानी
..जैसे ही ये हुआ इतिहास बन गया. Aditya Thakre Cricketer खुशी से उछल पड़े. हालांकि क्रिकेट का ये ठाकरे अभी भारतीय क्रिकेट का जाना पहचाना नाम नहीं है लेकिन विदर्भ में लोगों को लगता है कि वो देश के उभरते हुए बेहतरीन युवा गेंदबाजों में हैं।
इस युवा की काबिलियत को सिर्फ इस बात से समझा सकता है कि विदर्भ के कप्तान फज़ल फैज़ल ने टॉस जीतकर ना सिर्फ पहले फील्डिंग का फैसला किया बल्कि सेमीफाइनल मैच के हीरो रहे तेज़ गेंदबाज़ रजनीश गुरबानी की जगह आदित्य को पहला ओवर फेंकने की जिम्मेदारी दी।
आदित्य ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और अपने ओवर की चौथी गेंद पर दिल्ली के ओपनर कुणाल चंदेलिया को फैज़ल के हाथों कैच कराकर पवेलियन लौटा दिया। यकीनन यह विदर्भ और आदित्य के लिए ड्रीम डेब्यू से कम नहीं है।
विदर्भ टीम ने पहली बार रणजी ट्राफी के फाइनल में जगह बनाई है और जिस तरह दिल्ली की पहली पारी में उसके गेंदबाज ने शानदार प्रदर्शन किया, उससे लग रहा है कि विदर्भ टीम में दम है। रणजी ट्राफी फाइनल के पहले दिन के पहले सत्र में दिल्ली टीम महज 103 रनों पर ही चार विकेट खोकर लड़खड़ा रही है।
इसमें आदित्य का योगदान अहम है, क्योंकि वह केवल पहले ओवर में पहला विकेट लेकर ही नहीं रुके बल्कि जल्दी ही उन्होंने दूसरा विकेट भी ले लिया।
Aditya Thakre Cricketer कौन हैं।

दाएं हाथ का ये युवा तेज़ गेंदबाज़ इसी साल जुलाई में उस वक्त चर्चा में आया था जब उसे नेशनल क्रिकेट एकेडमी के अंडर-19 कैंप के लिए चुना गया था। एनसीए द्वारा आयोजित इंटर ज़ोनल क्रिकेट टूर्नामेंट में इस युवा ने चार पारियों में दस विकेट लेकर हर किसी को अपनी प्रतिभा से रूबरू कराया।
8 नवंबर 1998 को विदर्भ के अकोला में जन्मे आदित्य शैलेष ठाकरे अब तक भारत की अंडर-19 टीम के अलावा विदर्भ अंडर-16 और अंडर-19 टीम का हिस्सा रहे हैं। जबकि यह युवा बतौर अंडर-19 क्रिकेटर कूच बिहार ट्रॉफी में छह मैच खेलते हुए 10.64 के औसत से 34 विकेट लेने के कारण भी सुर्खियों में रहा था।
Aditya Thakre Cricketer का घरेलू क्रिकेट करिअर
प्रारूप | मैच | विकेट | इकोनोमी | औसत |
फर्स्ट क्लास | 26 | 79 | 2.73 | 23.9 |
लिस्ट ए | 12 | 11 | 4.68 | 43.3 |
टी20 | 4 | 6 | 5.54 | 14.3 |
आदित्य ठाकरे (जन्म 8 नवंबर 1998) एक भारतीय क्रिकेटर हैं जो विदर्भ का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने 2017-18 रणजी ट्रॉफी में 29 दिसंबर 2017 को विदर्भ के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया। 2018 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के दौरान उन्हें इशान पोरेल के कवर के रूप में भारत के टीम में शामिल किया गया था, जिन्हें चोट लगी थी।
Aditya Thakre Cricketer ने विदर्भ के लिए पदार्पण किया
विदर्भ भारत के महाराष्ट्र में स्थित एक क्रिकेट टीम है। यह टीम रणजी ट्रॉफी में खेलती है। विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन का गठन 1960-61 में बीसीसीआई के सहयोगी सदस्य के रूप में किया गया था। टीम ने 1961-62 के सत्र में मुंबई में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया, जब वे गुजरात से एक पारी और 34 रन से हार गए। उन्होंने अन्य गैर-प्रथम श्रेणी टीमों के खिलाफ केवल मैच खेले और उस सत्र में अपने समूह में अंतिम स्थान पर रहे।
Aditya Thakre Cricketer 2014-15 सत्र के दौरान घरेलू सर्किट में विदर्भ के लिए सफलता की कहानियों में से एक थे, जहां उन्होंने अपनी टीम को विजय हजारे ट्रॉफी खिताब जीतने में मदद करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि विजय हजारे ट्रॉफी भारत में एक लिस्ट ए क्रिकेट टूर्नामेंट है। 2014-15 का सीजन विदर्भ के लिए सफल साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने अपना दूसरा विजय हजारे ट्रॉफी खिताब जीता। 11 मैचों में दो अर्धशतक बनाने और 14 विकेट लेने के साथ, आदित्य उस सीजन में विदर्भ के लिए सफल कहानियों में से एक थे।
Aditya Thakre Cricketer के रिकॉर्ड और प्रदर्शन

Aditya Thakre Cricketer का 2016/17 सीज़न उतना प्रभावशाली नहीं रहा क्योंकि उन्होंने 27.25 की औसत से सिर्फ़ 317 रन बनाए, जबकि 35.88 की औसत से नौ विकेट लिए।
आदित्य ठाकरे एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं, जो बल्ले और गेंद से अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। उन्हें इस प्रारूप में सीमित अवसर मिले हैं, लेकिन वे भविष्य के लिए एक आशाजनक संभावना की तरह दिखते हैं। जो विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव बना सकते हैं। आदित्य का 2016/17 सीजन उतना प्रभावशाली नहीं रहा क्योंकि उन्होंने 11 मैचों में 27.25 की औसत से सिर्फ 317 रन बनाए, जबकि 35.88 की औसत से नौ विकेट लिए।
फिर भी वह भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा नहीं है या किसी भी आईपीएल फ्रैंचाइज़ से संबद्ध नहीं है, इसलिए हमें उसके बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं मिल सकी। आदित्य ठाकरे का यह जीवनी लेख ऑनलाइन शोध पर आधारित है और हमें यकीन नहीं है कि यह जानकारी 100% सच है, फिर भी हमने अपनी पूरी कोशिश की।
Aditya Thakre Cricketer की खेल शैली
आदित्य ठाकरे की खेल शैली में संतुलन और संयम दिखाई देता है। वे एक कड़ी मेहनत करने वाले खिलाड़ी हैं, जो न सिर्फ बल्ले से रन बनाते हैं, बल्कि गेंदबाजी में भी अहम योगदान देते हैं। उनके गेंदबाजी कौशल और बल्लेबाजी दोनों ही टीम के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं।
Aditya Thakre Cricketer के भविष्य की उम्मीदें
Aditya Thakre Cricketer का क्रिकेट करियर अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन उनके प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि वे आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण स्थान बना सकते हैं। अगर वे इसी तरह अपनी मेहनत और समर्पण बनाए रखते हैं, तो वे जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रख सकते हैं।
Conclusion
Aditya Thakre Cricketer एक उभरते हुए क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जिनकी क्षमता और समर्पण उन्हें भविष्य में भारतीय क्रिकेट का अहम हिस्सा बना सकते हैं। उनका करियर अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन उनके पास क्रिकेट जगत में खुद को साबित करने का पूरा अवसर है।
हमें उम्मीद है कि आदित्य ठाकरे की यह जीवनी लेख आपको उनकी यात्रा और कार्यों को समझने में मददगार साबित होगी।