2011 cricket world cup 28 सालों बाद भारत को दूसरी बार क्रिकेट वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीत

2011 cricket world cup की दूसरी जीत

भारत में पहला क्रिकेट विश्व कप 1983 में कपिल देव की कप्तानी में जीता था | उसके बाद उसे दूसरा विश्व कप जीतने के लिए 28 साल तक इंतजार करना पड़ा और भारत ने यह जीत मुंबई में 2011 में श्रीलंका को छः विकेट से हराकर अर्जित की थी |

क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत 1975 में हुई थी तब इसे प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप कहा जाता था,उस समय मैच 60 ओवर के होते थे, हर 4 वर्ष में यह मैच आयोजित किया जाता है – 1975 और 1979 में वेस्टइंडीज ने विश्व कप जीता था |उस समय वेस्टइंडीज के सामने कोई अन्य टीम ठहर नहीं पा रही थी परंतु 1983 में भारत ने यह कप जीतकर वेस्टइंडीज को पीछे धकेल दिया था, उसके बाद 1987, 1992, 1996, 1999, 2003, 2007 और 2011 में इस कप के लिए मैचेज हुए, तब तक ऑस्ट्रेलिया ने 4 बार, भारत और वेस्टइंडीज ने दो-दो बार तथा पाकिस्तान और श्रीलंका ने एक-एक बार यह कप जीते हैं.

1983 तक ये मैचेज 60 ओवर के हुआ करते थे परंतु 1987 से यह संख्या घटाकर 50 ओवर कर दी गई है.
अब हम यहां 2011 के विश्वकप की बात करेंगे. इस मैच का आयोजन भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने मिलकर किया था| इसमें कुल 14 टीमें शामिल हुई थीं जिन्हें दो ग्रुपों में बाट दिया गया था |

ग्रुप ए में श्रीलंका, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जिंबाब्वे, कीनिया और कनाडा तथा ग्रुप बी में भारत, बांग्लादेश, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका, नीदरलैंड और आयरलैंड थे.

2011 cricket world cup मे दो मजबूत टीमों की भिड़ंत फाइनल में

फाइनल मैच की कहानी जानने से पहले मैच की महत्ता समझने के लिए यह जान लेना जरूरी होगा कि क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को 5 विकेट से हराकर भारत सेमीफाइनल में पहुंचा था | वही सेमीफाइनल में अपने चिर प्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान को 29 रन से शिकस्त देकर फाइनल में जगह बनाई थी | श्रीलंका भी एक मजबूत टीम न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल में 5 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी, इस तरह दो मजबूत टीमों की भिड़ंत फाइनल में हुई |

2011 cricket world cup का फाइनल मैच 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुआ था |


2011 cricket world cup मे भारतीय टीम इस प्रकार रही:


वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान/विकेट कीपर), युवराज सिंह, सुरेश रैना, हरभजन सिंह, जहीर खान, मुनाफ पटेल और एस श्रीसंत.


2011 cricket world cup मे श्रीलंका की टीम इस प्रकार रही :


उपल थरंगा, महॆला जयवर्धने, कुमार संगकारा (कप्तान/विकेट कीपर), तिलकरत्ने दिलशान, नुवान कुलासेकरा, थिसारा परेरा, समरवीरा, कपूगेदरा, लसिथ मलिंगा, अजंता मेंडिस और मुथैया मुरलीधरन.

2011 cricket world cup

2011 cricket world cup मे फाइनल की जंग

श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी | श्रीलंका की ओपनिंग जोड़ी उपल थरंगा और तिलकरत्ने दिलशान ने पारी की शुरुआत की परंतु श्रीलंका की शुरुआत ठीक नहीं रही | जहीर खान की कसी हुई तेज आती गेंद को उनके खिलाड़ी ठीक से खेल नहीं पा रहे थे, पारी के सातवें ओवर में जहीर खान ने ऊपल थरंगा को आउट कर दिया, सहवाग ने यह कैच लेकर भारत को पहली सफलता दिलाई |

तीसरे नंबर पर कप्तान कुमार संगकारा बल्लेबाजी करने आए तथा उन्होंने दिलशान के साथ मिलकर स्कोर को 50 के पार पहुंचाया परंतु 60 के स्कोर पर दिलशान को हरभजन सिंह ने बोल्ड आउट कर दिया, दिलशान ने 33 रन बनाए | चौथे नंबर पर महिला जयवर्धने आए और उन्होंने संगकारा के साथ मिलकर 54 रन की साझेदारी की, चौथी विकेट की साझेदारी भारतीय टीम को खतरनाक लग रही थी परंतु तभी युवराज सिंह ने संगकारा को उनके 48 के निजी स्कोर पर धोनी के हाथों स्टंप आउट करा दिया |

संगकारा के आउट होने के बाद समरवीरा आए तथा जयवर्धने के साथ पारी को धीरे-धीरे आगे बढ़ाते हुए टीम का स्कोर 150 के पार पहुंचा दिया | अब तक जयवर्धने का अर्धशतक भी पूरा हो चुका था. 39 वें ओवर में युवराज सिंह ने समरबीरा (21) को पगबाधा आउट करा दिया उसके बाद कपूगेदरा (1) रन पर आउट हुए | बाद में कुलसेखरा बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने जयवर्धने का अच्छा साथ दिया. उसके बाद थिसारा परेरा आए तथा उन्होंने तेजी से रन बनाना शुरू किया | अब तक जयवर्धने का शतक भी पूरा हो गया था, उन्होंने 88 गेंदों पर 103 रन ( नॉट आउट) बनाए तथा श्रीलंका का कुल स्कोर 50 ओवर में 274 ( छह विकेट पर ) रन तक पहुंचा दिया |


भारत को मैच जीतने के लिए 50 ओवर में 275 रनों का लक्ष्य प्राप्त हुआ. भारत की सलामी जोड़ी वीरेंद्र सहवाग तथा सचिन तेंदुलकर के रूप में मैदान पर उतरी | भारत की शुरुआत काफी खराब रही. विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग दूसरी ही गेंद पर लसिथ मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए, थोड़ी ही देर में 31 रन के कुल स्कोर पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी अपने 18 (14 गेदों में) के निजी स्कोर पर लसिथ मलिंगा की गेंद पर संगकारा को कैच दे बैठे | इस तरह मात्र 6 ओवर में ही 31 रन के कुल स्कोर पर भारत के 2 विकेट चले गए थे जिससे टीम की उम्मीदों को काफी झटका लगा था तथा भारतीय प्रशंसक भी काफी निराश लग रहे थे |

2011 cricket world cup

दोनों सलामी बल्लेबाजों के आउट होने के बाद गौतम गंभीर तथा विराट कोहली मैदान पर थे. दोनों ने संभल संभल कर खेला तथा तीसरे विकेट के लिए 84 रनों की उपयोगी साझेदारी की |

पारी के 19 वें ओवर में गंभीर ने अपना अर्धशतक भी पूरा किया | 22 में ओवर में दिलशान ने अपनी ही गेंद पर कोहली को आउट कर एक और झटका भारत को दिया, उसके बाद कप्तान धोनी स्वयं मैदान पर आए तथा उन्होंने गंभीर के साथ मिलकर 109 रनों की बहुत ही महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई परंतु अच्छी बल्लेबाजी कर रहे गंभीर परेरा की गेंद को समझ नहीं पाए और अपने 97 के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए | उसके बाद कप्तान धोनी का साथ देने हरफनमौला युवराज सिंह आए तथा उन्होंने अपने कप्तान के साथ भारतीय टीम को बखूबी जीत की मंजिल तक पहुंचा दिया |

2011 cricket world cup

धोनी 91 रन तथा युवराज सिंह 21 रन बनाकर नाबाद रहे. धोनी को उनके बेहतरीन 91 रन नाबाद के लिए मैन ऑफ द मैच पुरस्कार मिला तथा युवराज सिंह को उनके हरफनमौला खेल के लिए मैन ऑफ द टूर्नामेंट अवार्ड दिया गया |

युवराज सिंह ने इस टूर्नामेंट में 15 विकेट लिए तथा कुल 362 रन भी बनाए थे, इस तरह भारत ने क्रिकेट विश्व कप में दूसरी बार यह खिताब जीता | भारत द्वारा यह मैच जीतने पर स्टेडियम में तथा पूरे देश में खुशी से दिवाली जैसा माहौल बन गया था |

Leave a Comment